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________________ दफावार सेविवरण सूची पेज ५२३ दफा विषय मुश्तरका जायदादका इन्तकाल ४४२ मुश्तरका जायदादका इन्तकाल कौन कर सकता है ४४३ नाबालिग होनेपर मुश्तरका जायदाद कैसे खरीदी जाय ... ४४४ बापके द्वारा मुश्तरका जायदादका इन्तकाल ५२६ ४४५ बचे हुये (आखिरी) कोपार्सनरके द्वारा मुश्तरका जायदादका इन्तकाल . ५२६ मुश्तरका ख़ानदानकी जायदादके लाभ अर्थात् मुनाफेका इन्तकाल ४४६ मुश्तरका जायदादका दान करना या वसीयत द्वारा दान करना ५३० ४४७ मुश्तरका जायदादका बेचना या रेहन करना ... ५३१ ४४८ जब बापने अपना कर्जा चुकानेके लिये जायदादका इन्तकाल किया हो ४४६ अदालतकी डिकरीसे मुश्तरका जायदादका कुर्क और नीलामहोना ५३४ ४५० मुश्तरका जायदादके खरीदारके हक ४५१ मुश्तरका जायदादका हिस्सा जिस आदमीका बिक गया हो उसकी स्थिति ... ५४० ४५२ अगर कोपार्सनर अपना हिस्सा छोड़ दे ५४० ४५३ दिवालिया कोपार्सनर ४५४ मुश्तरका खानदानके फर्मका दिवाला ५४२ मुश्तरका जायदादका इन्तकाल मंसूख करना ४५५ दानका मंसूख करना ४५६ बिक्री और रेहनका मंसूख करना ५४४ ४५७ मुश्तरका जायदादके इन्तकाल हो जानेपर कौन उज्रकर सकता है ५४७ ४५८ जायज़ इन्तकालके समय यदि गर्भमें भी पुत्र न हो तो हक्क नहीं है ५४६ ४.६ जायदादके इन्तकालके बाद यदि दत्तक लिया गया हो ... ५५१ ४६० माके गर्भ में रहते हुये पुत्रके अधिकार ... ५५१ दायभागलों दायभागलॉके अनुसार कोपार्सनर और कोपार्सनरी जायदाद ४६१ दायभागलॉके अनुसार मुश्तरका खान्दानकी खास पहिचान ५५२
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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