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________________ हिन्दूलॉ विषय कोपार्सनरी प्रापर्टी ४१३ अप्रतिबन्ध और सप्रतिबन्ध वरासत ४१४ प्रतिवन्ध जायदादमें सरवाईवरशिप होता है ४१५ बंगाल स्कूल ( अप्रतिबन्ध ) जायदाद नहीं होती ४१६ मुश्तरका जायदाद दो तरह की होती है ४१७ मुश्तरका जायदाद कौन २ होती है २४ दफा ... अलहदा या खुद हासिलकी हुई जायदाद ४१८ अलहदा या खुद कमाई हुई जायदाद ४१६ अलहदा कमाई ४२० विद्वत्ताकी कमाई ४२१ बीमाका रुपया ४२२ मुश्तरका जायदाद के मामलोंमें अदालतका अनुमान ४२३ अलहदा जायदाद पर अधिकार ... 800 ... .. 0.0 ... 800 ४५६ ४५७ ४५८ ४५६ ४५६ ४७१ ... ४२४ मुश्तरका कारबार ४२५ मेनेजर के अधिकार ४२६ मेनेजरको बटवाराके समय हिसाब देनेकी जिम्मेदारी ४२७ मेनेजरका अधिकार मुश्तरका खान्दान के लिये करज़ा लेनेका ४२८ मुश्तरका खान्दानके कारोबारके मेनेजरके अधिकार ४२६ मेनेजरके द्वारा मुश्तरका जायदादका इन्तकाल किया जाना ४३० मुश्तरका खानदानकी क़ानूनी ज़रूरतें ४३१ मुश्तकरा खानदान की ज़रूरतों का बारसुबूत और खरीदार की ज़िम्मेदारी ४३२ पंचायत करने के बारेमें मेनेजरका अधिकार ४३३ मेनेजर द्वारा क़र्जेका स्वीकार किया जाना ४३४ अनेक कोपार्सनरोंमें किसी एकका अलहदा दावा करना *** ... ... ... 300 पेज ... ... ४७१ ४७५ ४७६ ४७७ ४७८ ५०८ ५१२ ५१२ ५१३ .. ... ५१४ ४३५ मेनेजरका अदालतमें दावा करना ४३६ दौरान मुक़द्दमे में कोपार्सनरोंका फ़रीक बनाया जाना और मियाद ५१६ ४३७ सब कोपार्सनरोंको मुद्दई बनाया जाना ५१८ ४३८ सव कोपार्सनरोंको मुद्दालेह बनाया जाना ४३६ मेनेजरपर डिकरी ४४० बापके जाती क्रर्जेकी डिकरी ४४१ बापका किसी नाबालिके दावामें समझौता कर लेना ४८२ ४८३ ४८६ ४६३ ૪૬૩ ४६६ ४६८ ५०४ ५१६ ५२० ५२१ ५२२
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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