SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 369
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २६८ दत्तक या गोद - [चौथा प्रकरण दाद के पानेका दावा किया, यह दावा बहैसियत द्वामुष्यायन दत्तकके था, उधर रामचरणने उसी जायदादके पाने का दावा बहैसियत वारिसके किया। हाईकोर्ट इलाहाबादसे तजवीज़ हुआ कि जैदेवके दत्तक देनेसे पार्बती बाईके पुत्रत्व सम्बन्ध में कोई फ़रक नहीं पड़ा था क्योंकि इकरारनामा होचुका था कि वह दोनों का लड़का रहेगा। और अगर पार्वतीबाई पहिले मर जाती तो जयदेव वारिस होता तथा दोनों माताओंके जीतेजी अगर जैदेव मरजाता तो दोनों बराबरकीवारिस होती ऐसी हालतमें रामचरण के विरुद्ध फैसला किया। अर्थात् जैदेव की जायदाद पार्वतीबाई को मिलेगी नकि रामचरण को शिवकुमार ___रामसेवक रामभरोसे । । । पार्वती बाई जयदेव स्त्री जयदेव रामचरण (स्त्री) (दत्तकपुत्र ) नोट-स्मरण रहे कि पिताके पहिले माताका अधिकार पैदा होता है यानी माता और पिता के जीवनमें पहले जायदाद माताको मिलती है पीछे पिताको । पितरौ-माताचपिता व पितरौ ( द्वंद ) इस समाससे माताका हक पहले माना गया है । दफा २६९ जायदादमें दत्तक पुत्रका कितना भाग होगा यह निश्चय करनेमें कि दत्तक पुत्रका जायदादमें कितना भाग मिलेगा पहिले यह जानलेना चाहिये कि दत्तक अपने दरजेके अनुसार भाग पानेका अधिकारी है। दत्तकका दर्जा उस वक्त बदल जाता है जब दसक लेनेके पश्चात् असली पुत्र पैदा होजावे । ऐसी दशामें दत्तक ( यदि सब तरहसे योग्य हो) का जायदादमें भाग, प्रत्येक स्कूलमें और शामिल शरीक अथवा गैर शामिल शरीक भाइयोंके साथ तथा द्वामुष्यायन दत्तकके होनेपर जब औरस पैदा हो जाय, एवं अनेक इसी तरह की घटनाओंके उपस्थित होनेपर बदलता रहता है संक्षपसे सबकी मीमांसा क्रमानुसार नीचे की गई है। दफा २७० दत्तक लेनेके बाद यदि एक असली लड़कॉपैदाहो ' जाय तो दत्तकको कितना हिस्सा मिलेगा ? । बङ्गाल स्कूल--बङ्गाल स्कूलके अनुसार तीसरा हिस्सा मिलेगा। बनारस स्कूल-बनारस स्कूलके अनुसार चौथाई हिस्सा मिलेगा। बम्बई स्कूल--बम्बई स्कूलके अनुसार पांचवा हिस्सा मिलेगा। मदरास स्कूल--मदरास स्कूलके अनुसार भी पांचवा हिस्सा मिलेगा मगर शूद्रोंमें बराबर हिस्सा मिलना स्वीकार किया गया है।
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy