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________________ भविसयत्तकहाए परिणिय सा धणयत्तहो धूय गन्भेसरि नामेण संरूअ । पुण्णिमइंदरुंदससिवयणी दंतपंतिपहपहसियवयणी । सयलकलाकलावसंपुण्णी अहिणवलच्छि नाई अवइण्णी । बालमराललीलगइगामिणि सा किय णियपरिवारहो सामिणि । पियवल्लह जणमणु दुलालइ सुविहिए णियपरियणु परिपालइ । furusहरहो हु वडीवइ कमलहि पइपरिहवदुहु दावइ । नियसोहग्गु भोगु संपालइ विरहद्वग्गि अंगि पज्जालइ | जिणमंदिर वच्चइ सिंगारिं परिमियपउरजुवइपरिवारिं । घत्ता । अहिमाणमरद्दविसगइ अहिणवसिरिसोहग्गजुव । रणरणउं दिति पंकयसिरिहि भमई णयरि घणयन्तसुवं ॥ २ ॥ परियणि पियवयणिहिं जणु रंजइ गाहु विचित्तगुणेहिं अणुहुंजइ । जाणई पियमुह सुहवामोहणु मणि चिंतिउ सइ सुरयारोहणु । ललि ईसि ईसि अवरुंडणु अहरकवोलकंठउर खंडणू । मुह सिक्कारकणिरउर कंपणु सरहसु सलिलरमणसमप्पणु । कररुहपंतिपुलयपरिजंवणु पणयरोसमयरोसनिरुंभणु । वीणालावणिगेयपरिक्खणु कुडिलवियारि सरोसनिरिक्खणु । दिन्नपहर पडिपहरपडिच्छणु अलयगाहपडिगाहसमिच्छणु । विभमभावफुरियअहरेक्खणु मंदरायबहुरायवियक्वणु । पियपरिहासवासविहडावणु मयणुक्कोवणंगुपयडाचणु । बंधकरणवावारवियंभणु सुहकर फंससमय र सभणु । धत्ता | धणवइवि कामभोगंतरिउ ताहि माणु माणि धरइ । पियवयणकमलमयरंदरसु पंकई भ्रमरु जेम सरइ ॥ ३ ॥ ताहं विहिंमि गंजोलियगत्तहं हियइच्छिय विलास माणतः । रइरसवसवावारविणोएं केवि कूरग्गहसंजोएं | गन्भेसरिहि गन्भु संपजइ दुक्कियदुक्खनिहाणु व गज्जइ । जिम जिम रिउ सोणियजल थंभइ तिम तिम मणि रणरणउं वियंभइ । जिम जिम चउरंगई चउरंसइ तिम तिम खामोयरु विद्धंसइ । जिम जिम गन्भु लेइ सव्वंगई तिम तिम भंजइ तिवलि तरंगई । १४ १ B वङ्कारइ २ A य ३ B विरत्तगुणेहिं ४ B सलिलिङ ५ B सलिल
SR No.032126
Book TitleBhavisayatta Kaha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKavi Dhanpal, C D Dalal
PublisherBaroda Central Library
Publication Year1923
Total Pages402
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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