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भविसयत्तकहाए केणवि पुच्छंतहो संभालिउ नियजणेरिपरिहवपजालिउ । गउ मामहं मंदिरि संपत्तउ थिउ सुहियणु मउलावियवत्तउ । लच्छिए अंकि भरिउ अणुबिंबिउ निम्मच्छणउं करेविणु चुंबिउ । कमलई तासु वयणु अवलोइवि पुणरवि अंसुवाउ किउ जोइवि ।
मइलउ वयणु माइ किउ बालिं हउं दुल्लहउ जम्मु दुकालिं । घत्ता । दुल्ललिए काई हउं तउ करमि दुप्पियरहो घरि अवयरिउ ।
महुँ संगिं दुक्खहं भायणिहि तुज्झु वि पुत्त पवासु किउ ॥ ११॥ तो लोयणइं लुहिवि सई लच्छिए णिययधीय मं भीसि विलच्छिए । होउ पुत्ति कारुनु निवारहि फुसि लोयणइं वि मणु साहारहि । चंगउ किउ धणवइण णिरारिउ अम्हहं सिट्टित्तणु अवेहारिउ । वरि दिजंति आसि पुरि अण्णहो लहु वणिवरहो अप्पसावण्णहो । सो ण करंतु ताम इय एहउ दुक्खुप्पायणु दुम्मियदेहउ । तं णिसुणिवि वुच्चइ हरियत्तें अम्हि वंचिय दइवायत्तें। एक्कु जुवाणु अण्णु धणयत्तउ पुरि पउरालंकारसइत्तउ ।
अण्णुवि लइय तेण मग्गेवि सइ को जाणई चिरयाल भवीसइ । घत्ता । लइ अच्छहु एत्थु करेवि रइ फलु विहिआयत्तउ परिणवइ ।
कवि होसइ सुंदर कजगई किं विहलु जाई जं रुवइ सह ॥ १२॥ तं णिसुणेवि पयंपइ बालउ णवकुंवलयदलग्गसोमालउ । अम्हई जइवि तासु णउ रुचई तो किं णिययकलावि मुच्चइ । जइवि तेण विणु णाहिं वलिजइ तोवि माइ णउ दीणु चविजइ । जइवि णिरारिउ पाणहं मुच्चइ तोवि परम्मुहुं दूरिं मुच्चइ।। हियवइ जासु ण सम्माइजइ तसु कारणि वामोहु ण किना। तहो पंगणु अप्पणउं पियारउ अम्हवि होसइ घरु वड्डारउ । सो अप्पंण ण देइ णिवासउ तुहुंमि तासु मं देहि पवेसउ ।
दरिसइ मच्चलोइ जो जेहउ तासु पुणुवि दरिसिव्वउ तेहउ । घत्ता । मं माएं करहि मणि रणरणउं करि धीरिम संवरहि भउ ।
वोलंतहि दियहहिं थोवइहिं सो आणिव्वउ पासु तउ ॥ १३ ॥
१ B मामहि २ । महोसंगे ३ B पुसि० ४ B सेठित्तणु ५ B अवयारि ६ B मग्गिव ७ B जाउ CB कुवलयदलंग ९ B कलावें १० B अप्पणई ११ B माई