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________________ कर देते हैं। झूठ बोल रहे हो। तुम यह बतला रहे हो मेहमान को कि बहुत है अपने पास। मुल्ला नसरुद्दीन ने नई-नई दूकान खोली तो इसी तरह सामान सजा लिया। फोन तक ले आया किसी मित्र के घर से माग कर, रख लिया वहां। कोई कनेक्शन तो था नहीं। एक आदमी आया। समझ कर कि ग्राहक है, उसने कहा : बैठो। जल्दी से फोन उठा कर वह जरा बात करने लगा कि 'हो -हा, लाख रुपये का सौदा कर लो। ठीक है, लाख का कर लो।' फोन नीचे रख कर उसने उस आदमी से कहा : 'कहिए, क्या बात है?' उसने कहा कि मैं फोन कंपनी से आता हूं कनेक्शन लगाने आया हूं। ये लाख रुपये की बात कर रहे थे। आदमी चेष्टा करता है दिखलाने की जो नहीं है। मगर ये कोई बड़े झूठ नहीं हैं, छोटे-छोटे झूठ हैं और क्षमा योग्य हैं और इनसे जिंदगी में थोड़ा रस भी है। इसमें कुछ बहुत अड़चन नहीं इनको झूठ क्या कहना! लेकिन कोई तुमसे पूछता है : दुनिया किसने बनाई? छोटा बच्चा तुमसे पूछता है कि पिताजी, दुनिया किसने बनाई? तुम कहते हो : 'भगवान ने बनाई।' कितना बड़ा झूठ बोल रहे हो! कुछ तो सोचो! तुम्हें पता है? और किससे बोल रहे हो! उस नन्हें छोटे बच्चे से, जो तुम पर भरोसा करता है! किसको धोखा दे रहे हो-जिसकी श्रद्धा तुम पर है और जिसका अगाध विश्वास है कि तुम झूठ न बोलोगे फिर अगर बड़े हो कर यह बेटा तुम पर श्रद्धा खो दे तो रोना मत, क्योंकि एक न एक दिन तो इसे पता चलेगा कि पिताजी को भी पता नहीं है, माताजी को भी पता नहीं है। वे पिताजी-माताजी के जो गुरुजी हैं, उनको भी पता नहीं। पता किसी को भी नहीं है और सब दावा कर रहे हैं कि पता है। जिस दिन यह बेटा जानेगा उस दिन इसकी श्रद्धा अगर खो जाए तो जुम्मेवार कोन? तुम्हीं हो जुम्मेवार! तुमने ऐसे झूठ बोले जिनका तुम प्रमाण न जुटा सकोगे। __ बात क्या थी? क्या तुम इतनी-सी बात कहने में लजा गए कि बेटा, मुझे पता नहीं! काश, तुम इतना कह सकते! और जो बाप अपने बेटे से कह सकता है कि बेटा मुझे पता नहीं, तू भी खोजना, मैं भी अभी खोज रहा हूं अगर तुझे कभी पता चल जाए तो मुझे बता देना मुझे पता चलेगा तो तुझे बता दूंगा; लेकिन मुझे पता नहीं, किसने बनाई, बनाई कि नहीं बनाई, परमात्मा है या नहीं, मुझे कुछ पता नहीं! हो सकता है, आज तुम्हें अड़चन मालूम पड़े लेकिन बेटा समझेगा, एक दिन समझेगा और तुम्हारे प्रति कभी आदर न खोयेगा! तुम्हारे प्रति श्रद्धा बढ़ती ही जाएगी। जब जवान होगा तब समझेगा कि कितना कठिन है अज्ञान को स्वीकार कर लेना, क्योंकि उसका अहंकार उसे बतायेगा कि अज्ञान को स्वीकार करना बड़ा कठिन है, लेकिन मेरे पिता ने अज्ञान स्वीकार किया था। तुम्हारी छाप उस पर अनूठी रहेगी। तुम्हारे प्रति श्रद्धा के खोने का कोई कारण नहीं है। लेकिन लोग झूठी बातें कहे चले जाते हैं। मुल्ला नसरुद्दीन अपने बेटे से कह रहा था...| स्कूल से आया बेटा। पास नहीं हुआ क्लास में। तो कहा : 'तुझे पता है कि तेरी उम्र में बिथोवन ने कितना संगीत जन्मा दिया था और माइकल एंजिलो ने कैसी-कैसी मूर्तियां बना दी थीं. और तेरी क्या हालत है 2: ' । उस बेटे ने बाप की तरफ देखा और कहा : 'ठीक। और आपकी उम्र में पिताजी माइकल एंजिलो
SR No.032111
Book TitleAshtavakra Mahagita Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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