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________________ अनुक्रमणिका. मुनिराज श्रीविमलचारित्रगणिकृत - १ - श्री अंजनासुंदरी चरित्र - रास. महर्षिश्रीब्रह्ममुनिकृत २- श्रीचारप्रत्येकबुद्ध चरित्र - रास. पृष्ट १ थी ४२ शुधीमां पृष्ठ ४३ थी ७८ ss वाचकवर श्रीकर्मचंद्रगणिकृत - ३ - मोहचरित्रगर्भित - अढारनात्रा चोपाई. पृष्ट ७९ थी ९५ SS महोपाध्याय श्री कर्मचंद्रगणिकृत ४- श्रीरोहिणीनो चोपाई बद्ध - रास. पृष्ट ९६ थो १४७ SS पंडितप्रवर श्री महर्षि निहालचंद्र कविवरकृत - जगत शेठाणी श्रीमाणिकदेवी रास. पृष्ट १४८ थी १६० पर्यन्त कविवर ऋषिश्रीदलभकृत (६- महातपस्वि श्रीपूंजामुनिनो रास. पृष्ट १६१ थी १६३ पर्यन्त वाचनाचार्यश्रीसमयसुंदरगणिकृत - (७)महातपस्वि श्रीपूंजामुनिनो रास. पृष्ट १६४ थी १६७ पर्यन्त आचार्यवर्यश्रीसमर चंद्रसूरीश्वरजी महाराजकृत ८- असाधुगुणरससमुच्चय - रास. पृष्ट १६८ थी २२३ पर्यन्त
SR No.032080
Book TitleJain Ras Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarchandra Maharaj
PublisherGokaldas Mangaldas Shah
Publication Year1930
Total Pages252
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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