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________________ नमो नमो निम्मलदसणस्स दीपरत्नसागर की 555 साहित्य-कतियाँ तमोगमा निमत देश आगमसुत्तााण __आगमसुत्ताणि मूलं Net | भाषा → प्राकृत प्रकाशन वर्ष 2012 कुल किताबें → 45, कुल पृष्ठ → 2810 नेट पब्लिकेशन्स, साईझ A-4 'साहित्य कति क्रम 050 से 094 आयारी-१० मखमयसंगापण मुनि दीपरत्नसागर | [02] आगम-सुत्ताणि मूलं Net | इस सम्पुट में मूल 45 आगम ही है, परतु ये onLine आगम सीरीझ है, हमने 'वर्ड' के प्रोग्राम में यूनिकोड में 'मंगल' फॉन्ट में ये सभी आगम कम्पोझ करवाए है, A-4 की साईझ, बड़े अक्षर, मल्टी कलरमें कम्पोझ इत्यादि बाह्य परिवर्तन तो है ही, साथ में 'वर्ड' के प्रोग्राम के कारण कोई भी व्यक्ति इन आगमो को कोम्प्यूटर आदि माध्यम से स्वयं ही इसे कट-पेस्ट या एडिटिंग कर शकता है, कोई दूसरा पाठ मिले तो जोड़ शकता है, अपने मन-चाहे विषय अलग निकाल शकता है, ऐसी बहोत सुविधा यहाँ उपलब्ध करवाई है | इस सम्पादन में 'printed Edition' वाली सब विशेषता तो है ही, तदुपरांत सभी सूत्रों के अंक लाल कलर में तथा गाथाओं के अंक हरे कलरमें दिए है, सूत्र एवं गाथा स्पष्टरूप से विभाजित है, जिससे अभ्यासक एवं खोज करनेवाले को बहोत सुविधा रहेगी | इस सम्पुट में हमने वैकल्पिक आगमो को स्थान नहीं दिया है ये एक net-publication है जिसे कोई भी फ्री डाउनलोड कर शकता है Total Books 555 [1,00,013 Pages] | Muni Deepratnasagar's 555 zil Publications on 03/07/2015
SR No.031006
Book TitleMuni Deepratnasagarji ki 555 Sahitya Krutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2015
Total Pages40
LanguageHindi
ClassificationPublishers & Catalogue
File Size12 MB
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