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________________ नमो नमो निम्मलदसणस्स दीपरत्नसागर की 555 साहित्य-कृतियाँ આગમ-સૂત્ર ગુજરાતી અનુવાદ Net भाषा , गुराती प्रकाशन वर्ष 2012 कुल किताबें - 47, कुल पृष्ठ → 3397 नेट पब्लिकेशन्स, साईझ A-5 साहित्य कृति क्रम 095 से 141 આગામદીપ-૩ ayari મુનિ દીપરત્નસાગર | [03] माराम-सूत्र गुराता मनुवाENet | हमारे मूल 45 आगम अर्धमागधी भाषामें है, जो साधु-साध्वी भाषा-ज्ञानसे वंचित है, शास्त्रीय कारण से आगम का पठन नहीं कर शकते है, आगमो की वांचना प्राप्त नही कर शकते है, इत्यादि कारणो से वे आगमिक पदार्थो के बोध को प्राप्त न हुए हो, ऐसे भव्यात्माए 'कल्पसूत्र' की तरह सरलतासे आगमो का अभ्यास कर शके या बोध प्राप्त कर शके, तथा भवभीरु आत्माए अपना जीवन मार्गानुसार बना शके ऐसा ये प्रकाशन है | इस संपुटमें 45 आगम मूल एवं 2 वैकल्पिक आगमो के साथ ४७ आगमो का अक्षरश: गुजराती-अनुवाद है। हमने पहले ये अनुवाद 7 भागोमें print करवाया था, अभी ये अलग-अलग 47 किताबो के रूप में आप हमारे OnLine publications में देख शकते है । अंदाजित 90000 श्लोकप्रमाण मल अर्धमागधी 45 आगमो का ये समग्र विश्व में सर्वप्रथम और एकमात्र गुजराती अनुवाद है | ये एक net-publication है जिसे कोई भी फ्री डाउनलोड कर शकता है Total Books 555 [1,00,013 Pages] Muni Deepratnasagar's 555 [[8] || Publications on 03/07/2015
SR No.031006
Book TitleMuni Deepratnasagarji ki 555 Sahitya Krutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2015
Total Pages40
LanguageHindi
ClassificationPublishers & Catalogue
File Size12 MB
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