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________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स दीपरत्नसागर की 555 साहित्य-कृतियाँ आगमाणि (४५| अनि दीपरत्नसागर आगमसुत्ताणि मूलं print भाषा → प्राकृत कुल किताबें → 49, नेट पब्लिकेशन्स, प्रकाशन वर्ष 1996 कुल पृष्ठ 3509 साईझ A-5 साहित्य कृति क्रम 001 से 049 [01] आगम-सुत्ताणि मूलं इस सम्पुट में मूल आगम है | इसमें 45 आगम 45 अलगअलग किताबो में प्रिन्ट करवाए है, 4 वैकल्पिक आगम भी उसमे समाविष्ट किये है | इस तरह (45 + 4 ) 49 आगमो का सम्पादन इस सम्पुटमें किया है, प्रत्येक सूत्र के अंतमे पूज्य सागरानंदसूरीजी संपादित 'आगममञ्जूषा' तथा वृत्ति के सूत्रांक भी लिख दिए है। Print हमारे इस प्रकाशनमे श्रुतस्कंध, शतक/अध्ययन/वक्षस्कार/पद/ प्रतिपत्ति, उद्देशक, सूत्र/गाथा आदि स्पष्टरूप से अलग दिखाई पड़े ऐसी विशिष्ट मुद्रणकला का यहाँ उपयोग हुआ है| प्रत्येक किताबे भी अलग-अलग एवं छोटे कद की होने से आगमो के पठन-पाठन में या उसे कंठस्थ करने में बहोत सरलता रहती है । 45 आगमो की अलग अलग किताब होने से 45 आगम पूजा, पूजन, रथयात्रा या गौतमस्वामी आदि पूजनके लिए सुविधाजनक है आगमसद्दकोसो, आगमनामकोसो, आगमविषयदर्शन, आगम कथानुयोग के मूल संदर्भ देखने के लिए ये प्रकाशन अति जरुरी है Total Books 555 [1,00,013 Pages] Muni Deepratnasagar's 555 [6] Publications on 03/07/2015
SR No.031006
Book TitleMuni Deepratnasagarji ki 555 Sahitya Krutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2015
Total Pages40
LanguageHindi
ClassificationPublishers & Catalogue
File Size12 MB
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