SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 165
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १२८ समझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य (उत्तरार्ध) प्रश्नकर्ता : अहंकार रूपी गारवता (संसारी सुख की ठंडक में पड़े रहने की इच्छा)? दादाश्री : वह गारवता नहीं कहलाती। अहंकारवाला तो हिटलर जैसे कर्म भी करता है और धर्मादा जैसे उच्च कार्य भी करता है। लेकिन यह गारवता यानी क्या? कि जिसमें संपूर्ण मनुष्यपन का सारा समय निरर्थक ही गवाँ देना। ऐसी गारवता आपने नहीं देखी है? गारवता यानी क्या कि किसी मिल के सामने रास्ते के पास तालाब जैसा गड्ढा भरा पड़ा हो, और उसमें हरदम पानी भरा रहता हो। वह गंदा पानी फिर बहुत बदबू मारता है। यह पानी वहाँ हमेशा भरा रहता है, इसलिए पानी में दो-दो, तीन-तीन फीट कीचड़ होता है। तो गर्मी के दिनों में भैंस क्या करती है ? भैंस का स्वभाव बहुत गरम, इसलिए उससे दोपहर की गर्मी सहन नहीं होती, इसलिए फिर जब वह ऐसा गड्ढा देखती है, तब उसमें जाकर धप्प से बैठ जाती है। बैठते ही सारा कीचड़ उसके पूरे बदन पर लग जाता है। फिर भैंस क्या करती है कि सिर्फ अपना मुँह ही पानी से बाहर रखती है और सारा शरीर कीचड़ में डूबा रहे, ऐसे रखती है। कीचड़ में उसे फ्रीज़ जैसा लगता रहता है। अब इसमें बदबू की तो उसे समझ ही नहीं है। ऐसे अच्छे-बुरे की उसे समझ तो है ही, लेकिन बदबू की उसे परवाह नहीं होती। वह तो बस कीचड़ की ठंडक में से निकलती ही नहीं। अब उसके मालिक को तीन बजे उसकी ज़रूरत हो, तब मालिक आकर कहता है कि, 'चल, चल बाहर निकल।' लेकिन वह नहीं आती। फिर घास का गट्ठर लाकर दिखाता है फिर भी भैंस कान हिलाकर देखती ज़रूर है, लेकिन फिर कुछ भी नहीं। ऐसा फ्रीज़ छोड़कर वह क्या बाहर आएगी? फिर वह मालिक समझ जाता है कि इसे कोई लालच दूँ तभी आएगी, वर्ना नहीं आएगी। उसे ठंडक हो गई है, इसलिए अब यह नहीं उठेगी। फिर वह बिनौले की टोकरी लेकर आता है। उसमें दूसरी सभी चीजें भी डाली होती हैं और भैंस को दिखाकर कहता है कि, 'ले, ले, ले'। भैंस उधर देखती है लेकिन फिर भी उसे टोकरी की कुछ पड़ी ही नहीं होती।
SR No.030110
Book TitleSamaz se Prapta Bramhacharya Uttararddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy