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________________ समझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य (उत्तरार्ध) हाई ब्लडप्रेशर या लो ब्लडप्रेशर हो जाएगा और हार्टफेल हो जाएगा । विषय अँधेरे में सेवन करने की चीज़ है। लिखा है न कि, 'छिपे रखने पड़ते हैं जो काम।' यानी यह विषय कैसी चीज़ है ? गुप्त रखनी पड़ती है । किसी से कहा भी नहीं जा सकता । फिर भी शास्त्रकारों ने अलाउ किया है कि सभी की उपस्थिति में शादी करते हो, इसलिए हक़दार हो । 1 कितना शर्मनाक ? प्रश्नकर्ता: दादाजी ब्रह्मचर्य पर ज़्यादा ज़ोर देते हैं और अब्रह्मचर्य के प्रति तिरस्कार दिखाते हैं । लेकिन ऐसा करने से तो सृष्टि में मनुष्यों की संख्या भी कम हो जाएगी, इस बारे में आपका क्या अभिप्राय है ? ११६ दादाश्री : इतने सारे ऑपरेशन करने से भी संसार कम नहीं हो रहा है तो ब्रह्मचर्य पालन करने से क्या कम होगा ? संसार घटाने के लिए तो ऑपरेशन करवाते हैं, लेकिन फिर भी नहीं घटता है न! ब्रह्मचर्य तो बहुत बड़ा साधन है। प्रश्नकर्ता : लेकिन उसे 'तिरस्कार हुआ' नहीं कहा जाएगा ? दादाश्री : तिरस्कार नहीं कहलाएगा। प्रश्नकर्ता : यह जो ‘नैचुरल प्रोसेस' (प्राकृतिक प्रक्रिया) है। उसका हम तिरस्कार कर रहे हैं, ऐसा नहीं कहा जाएगा ? दादाश्री : नैचुरल प्रोसेस नहीं है, यह तो पाशवता है। नैचुरल प्रोसेस नहीं है, मनुष्य में यदि नैचुरल प्रोसेस होता, तो ब्रह्मचर्य पालन रहता ही नहीं न! ये जानवर बेचारे ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं। सिर्फ सीज़न में ही पंद्रह-बीस दिनों के लिए विषय, फिर कुछ भी नहीं । यह तो हमेशा विषय, तो पशु ही हैं न, मनुष्य पशु ही बन गए हैं न! इसलिए यह कहना पड़ रहा है न मुझे ! तभी तो यह ओपरेशन करने की नौबत आई न ! किसी गाय-भैंस का ओपरेशन करने की नौबत आई है कभी ? इनकी तो आबादी नहीं बढ़े इसलिए नसबंदी करने लगे हैं, मनुष्यों
SR No.030110
Book TitleSamaz se Prapta Bramhacharya Uttararddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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