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________________ समझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य (पू) दादाश्री : नहीं, तैयारी में सिर्फ इतना ही नहीं चलेगा। अभी तो ठेठ तक लश्कर रखना पड़ेगा । प्रश्नकर्ता : संपूर्ण सेफ साइड कब होगी ? दादाश्री : संपूर्ण सेफ साइड कब होगी, उसका तो ठिकाना ही नहीं न! लेकिन पैंतीस साल के बाद ज़रा उसके दिन ढलने लगते हैं, इसलिए वह आपको बहुत परेशान नहीं करता। फिर आपके तय किए अनुसार चलता रहेगा, वह आपके विचारों के अधीन रहेगा। आपकी इच्छा नहीं बिगड़ेगी तो फिर आपको कोई नुकसान नहीं पहुँचाएगा। लेकिन पैंतीस साल तक तो बहुत ही जोखिम है! प्रश्नकर्ता : पैंतीस साल तक सेफ साइड क्या है ? २४६ दादाश्री : वह तो अपना निश्चय ! दृढ़ निश्चय और साथ में प्रतिक्रमण ! प्रश्नकर्ता : एक बार निश्चय दृढ़ हो जाए तो उसके बाद में क्या ? दादाश्री : बाद में निश्चय डगमगाए नहीं तो बहुत हो गया ! प्रश्नकर्ता : अभी हमारा निश्चय दृढ़ हो गया कहलाएगा? दादाश्री : अभी नहीं माना जाएगा। अभी तो बहुत देर लगेगी। इसलिए अभी तो तुम्हें ब्रह्मचारियों के संग में ही रहना है। बाकी निर्भयपद है, ऐसा मान लेने जैसा नहीं है। I प्रश्नकर्ता : लश्कर मतलब क्या ? प्रतिक्रमण ? दादाश्री : प्रतिक्रमण और दृढ़ निश्चय, यह सारा लश्कर रखना पड़ेगा और 'ज्ञानीपुरुष' के दर्शन । इस दर्शन से अलग हो जाओ तो भी गड़बड़ हो जाएगी । अतः सेफ साइड कोई आसान चीज़ नहीं है। प्रश्नकर्ता : आपने कहा था कि ब्रह्मचारियों का संग, संसारियों
SR No.030109
Book TitleSamaz se Prapta Bramhacharya Purvardh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2014
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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