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आप्तवाणी-५
स्वरूप है! ज्ञान-दर्शन-चारित्र और तप के आधार पर जो अनुभव में आता है, वे 'दादा भगवान' हैं।
वर्ना ये तो पटेल हैं। कल यह बुलबुला फूट जाएगा तो लोग इसे जला देंगे और 'दादा भगवान' को कोई नहीं जला सकता। क्योंकि अग्नि स्थूल स्वरूप है और आत्मा सूक्ष्म है। स्थूल सूक्ष्म को किस तरह जलाएगा? उसी प्रकार के ज्ञान-दर्शन-चारित्र और तप के स्वरूप में रहे हुए 'दादा भगवान' आपके भीतर भी बिराजमान हैं! वह आप खुद ही हो!
जय सच्चिदानंद