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________________ (१३) वैतरणी, (१४) खरस्वर, (१५) महाघोप। ८ व्यन्तरदेवः (१) भूत, (२) पिशाच, (३) राक्ष, (४) राक्षस, (५) किन्नर, (६) किंपुरुष, (७) महारग. (८) गंधर्व। ८ व्याणव्यन्तर देवः (१) अणपन्नी, (२) पणपन्नी, (३) ऋपिवादी, (४) भूतवादी, (५) कंद, (६) महाकंद, (७) कोहंड, (८) पयंग। . १० तिर्यकजुंभक देवः (१) अन्न मुंभक, (२) पान मुंभक, (३) फल मुंभक, (४) पूष्प मुंभक, (५) वीज मुंभक, (६) वस्त्र मुंभक, (७) शयन मुंभक, (८) लयन जुंभक, (९) वायु मुंभक, (१०) अवायु मुंभक। १० ज्योतिषी देवः (चर) (१) सूर्य, (२) चंद्र, (३) ग्रह, (४) नक्षत्र, (५) तारा। (अचर) ) ग्रह, (४) नक्षत्र, (५) तारा। ३ किल्विषिक देवः (१) तीन पल्योपमकी स्थितिवाले, (२) तीन सागरोपमकी स्थितिवाले, (३) तेरह सागरोपमकी स्थितिवाले । ९ लोकान्तिक देवः (१) सारस्वत, (२) आदित्य, (३) वहीं, (४) वरुण, (५) गर्दनायक, (६) तुपित, (७) अव्यावाध, (८) आग्नेय, (९) अरिप्ट। वैमानिक देवः १२ कल्पवासी देवः (१) सौधर्म, (२) ईशान, (३) सनत्, (४) महेंद्र, (५) ब्रह्म, (६) लांतक, (७) महाशुक्र, (८) सहस्रार, (९) आनत, (१०) प्राणत, (११) आरण, (१२) अच्युत। १४ कल्पातीत देवः A-९ ग्रेवयकदेव - (१) भद्र, (२) सुभद्र, (३) सुजात, (४) सुमनस, (५) सुदर्शन, (६) प्रियदर्शन, (७) अमोघ, (८) सप्रबुद्ध, (९) यशोधर। ૩૦ + ૧લ્મી અને ૨૦મી સદીના જૈન સાહિત્યનાં અક્ષર-આરાધકો
SR No.023318
Book TitleJain Sahityana Akshar Aradhako
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMalti Shah
PublisherVirtattva Prakashak Mandal
Publication Year2016
Total Pages642
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size15 MB
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