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________________ (१२) गति आगतिः देवताओ की गति-आगति नारकी, वायुकाय, अग्निकाय, विकलेंद्रिय तथा संमूर्छिम मनुष्योमें नहीं हैं अर्थात न तो देवता मरकर इन स्थानोमें उत्पन्न होते है और न तो इन स्थानोके जीव मरकर देवता बन सकते है। मनुष्य और सन्नी तिर्यंच ही महान पुण्योदयके कारण देव बन सकते है। तथा देवता मरकर मनुष्य या तिर्यंच बन सकता है। देवता देवगतिसे निकलकर पुन्हा देवता नहीं बनते या नरकगतिमें नहीं जाते। युगलिया मनुष्योकी गति देवगति है परंतु देवता युगलियोमें उत्पन्न नही हो सकते है। क्रोधी तपस्वी, अकाम निर्जरा करनेवाले भवनपति और व्यन्तर देवोमें उत्पन्न हो सकते हैं। मिथ्याप्ति अतान तप करनेवाले शावक व्रतोंकी विराधना करनेवाले, तापस आदिकी गति ज्योतिपी देवकी है, जो साधु होकर आचार्य, उपाध्याय, कुल, गण, संघकी निंदा करता है और अंतमें आलोचना प्रतिक्रमण किये बिनाही काल करता है, वह साधु किल्विपिक देवों के रूपमें उत्पन्न होता है। सम्यकदृष्टि तिर्यंच पंचेद्रिय जीव धर्मरुची और शुभभावकै कारण उत्कृष्ट आटवे सहस्रार देवलोक तक पहुंच सकते है। आराधक साधु यदि सराग संयमी है तो उत्कृष्टतः बारहवे देवलोक तक पहुंच सकते हैं और यदि वितराग संयमी है तो शिवपदको प्राप्त कर सकते है। आट वर्पकी आयुसे लेकर करोड पूर्वकी आयुवाला कोई भी मनुष्य महाव्रत या देवव्रतोंका पालन कर सकता है। वह आराधक जीव मनुष्य और देवके साथ या आट भव करके निश्चित ही मोक्षगतिको प्राप्त होता है। ९९ प्रकारके देवताः (छंद-५१३) अडिल्ल १० भवनपति देव, १५ परमाधर्मी देव, ८ व्यन्तर देव, ८ व्याणव्यन्तर देव, १० तिर्यकर्जूभक देव, १० ज्योतिषी देव, ३ किल्विपिक देव, ९ लाकान्तिक देव, २६ वैमानिक देव, १२ कल्पवासी + १४ कल्पातीत ९ ग्रेवयक ५ अनुत्तर १० भवनपति देवः (१) असुरकुमार, (२) नागकुमार, (३) सुवर्णकुमार, (४) विद्युतकुमार, (५) अग्निकुमार, (६) द्विपकुमार, (७) उदधिकुमार, (८) दिशाकुमार, (९) पवनकुमार, (१०) स्तनितकुमार। १५ परमाधर्मी देवः (१) अंब, (२) अंबरीष, (३) श्याम, (४) शबल, (५) रौद्र, (६) महारौद्र, (७) काल, (८) महाकाल, (९) असिपत्र, (१०) धनु, (११) कुम्भ, (१२) वालुक, कविवर्य श्री हरजसरायजीकृत 'देवरचना' + २८
SR No.023318
Book TitleJain Sahityana Akshar Aradhako
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMalti Shah
PublisherVirtattva Prakashak Mandal
Publication Year2016
Total Pages642
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size15 MB
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