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________________ सिरि भूवलय) को लाँधे बिना विनाशी वस्तुओं को शोधित कर अहित न होने की भाति व्यवस्था करती रहती है । एटम बम के विस्फोट होने पर उसकी तीव्र ज्वाला से फैलने वाला विद्युत प्रवाह संपूर्ण विश्व में फैल कर अपनी तीव्रता से अनर्थ परिणामों को उत्पन्न करता है ऐसा कहा जाता है। अभी तक विदेशियों के द्वारा विस्फोट किए गए एटम बम के परिणाम स्वरूप फैलने वाले रेडियो एक्टिव दुनिया में कहाँ-कहाँ और किस तरह के परिणामों को उत्पन्न किया है इस विषय पर किसी ने न जाने क्यों कुछ भी विस्तार से नहीं कहा है यह रेडियो एक्टिव बम के विस्फोट होने पर उत्पन्न होने वाला ऐसोटोप विष को संपूर्ण संसार में फैलाता है इसका कोई साक्ष्याधार नहीं है । आज के प्रबल मारकास्त्र अणु विस्फोटक आज तक तैयार हुए आयुध साधनों में अत्यंत बलशालो है ऐसा बेझिझक माना जा सकता है । इन मारकास्त्र के विस्फोट को समाप्त करने के लिए क्या कोई उपाय है इस विषय पर सोचना आवश्यक है । रेडार शक्ति व्याप्ति इन अणुबमों को बडे-बडे बांबर विमान लेकर आते हैं । इन बांबर विमानों की आने की दिशा, उडने की ऊँचाई और उनकी गति को इन रेडार यंत्र साधनों से पता लगाया जाता है। इनके पता लगाने की त्रिज्यामितीय कम-ज्यादा को पहचान कर, गणित की सहायता से ऊपर के निर्णयों (गति, ऊँचाई, दिशा आदि) को लिया जाता है । जब ये विमान एटम बमों को उड़ते हैं तब इन विमानों को विमान निरोधक फिरंगी(तोप) से गोली मार कर धाराशायी किया जाता है। विमान निरोधक फिरंगियों(तोप) से मारी जाने वाली गोली की गति को गणित की सहायता से जान कर चलाया जाता है। विमान की गति को, फिरंगी(तोप) गोली चलने की गति को जान कर ऊँचाई का अंदाज लगा कर त्रिज्यामितीय प्रमाण के क्रमानुसार आने वाला विमान कितनी दूर आगे आने के समय पर फिरंगी की गोली पहुँचने के समय का हिसाब लगा कर ठीक लगने वाले त्रिज्यामितीय प्रमाण का अनुसरण -404
SR No.023254
Book TitleSiri Bhuvalay Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSwarna Jyoti
PublisherPustak Shakti Prakashan
Publication Year2007
Total Pages504
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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