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________________ पार्श्वनाथचरित' (वादिराज, 11वीं सदी), पार्श्वनाथचरित' (माणिक्यचन्द्र सूरि 13वीं सदी), पार्श्वनाथचरित' (विनयचन्द्रसूरि 13वीं सदी, अप्रकाशित) पार्श्वनाथचरित' (सर्वानन्दसूरि, 13वीं सदी), पार्श्वनाथपुराण' (सकलकीर्ति, 14-15वीं सदी), पार्श्वनाथचरित' (भावदेवसूरि, 14वीं सदी), पार्श्वनाथचरित' ( पद्मसुन्दरगणि, 16वीं सदी), पार्श्वनाथचरित' (हेमविजयगणि 16वीं सदी), पार्श्वनाथपुराण' ( वादिचन्द्र, 16वीं सदी), पार्श्वनाथचरित (उदयवीरगणि, 16वीं सदी) पार्श्वनाथपुराण" ( चन्द्रकीर्ति, 16वीं सदी) आदि प्रमुख 1 - प्राकृत में - पासणाहचरियं2 (देवप्रभसूरि, 12वीं सदी) तथा अपभ्रंश में पासणाहचरिउ (पउमकित्ति 11वीं सदी), पासणाहचरिउ (बुध श्रीधर, 12वीं सदी) पासणाहचरिउ (असवाल, 15वीं सदी, अप्रकाशित), पासपुराणु (तेजपाल, 15वीं सदी) । पासणाहचरिउ (देवचन्द्र, 15वीं सदी, अप्रकाशित ) एवं पासणाहचरिउ ( रइधू, 16वीं सदी) और आदियुगीन हिन्दी में पार्श्वपुराण" (महाकवि भूधरदास, 18वीं सदी) प्रमुख हैं। पार्श्व सम्बन्धी चरित-साहित्य के अतिरिक्त पार्श्व सम्बन्धी शताधिक भक्तिपरक पूजाएँ, स्तोत्र एवं स्तुतियाँ भी लिखी गई। पूजाओं की जयमालाओं में भी पार्श्वचरित के सूत्रात्मक संकेत दिये गये हैं। स्तुतियों में प्राकृत भाषा का उवसग्गहरस्तोत्र प्राचीनतम माना गया, जो डॉ. याकोबी के अनुसार आचार्य भद्रबाहु (प्रथम) कृत है, यदि यह तथ्य है, तो उसके अनुसार वह स्तोत्र ईसा पूर्व पाँचवीं शती के आसपास का सिद्ध होता है" । विभिन्न पार्श्वचरितों में प्राप्त पार्श्व के पूर्व-भवों का तुलनात्मक संक्षिप्त मानचित्र ग्रन्थ का नाम गुणभद्र कृत उत्तरपुराण विश्वभूति अनुंधरी मरुभूति कमठ 9वीं सदी पुष्पदन्त कृत महापुराण (तिसट्ठि) 9वीं सदी वादिराजसूरि कृत पार्श्वचरित 10वीं सदी देवभद्रसूरिकृत सिरिपास. 12वीं सदी हेमचन्द्रकृत त्रिषष्टि. 13वीं सदी पउमिकित्ति कृत पासणाह. 11वीं सदी हेमविजयगणिकृत पार्श्वचरितम् 14वीं सदी महाकवि रइधूकृत पास. 15वीं - 16वीं सदी (1) पहला भव पिता का माता का पार्श्व की कमठ की नाम नाम पूर्व योनि पूर्व योनि का नाम का नाम बुध श्रीधर कृत पास. 12वीं सदी " पार्श्व के देह त्याग का कारण कमठ का क्रोधावेश (2) दूसरा भव योनि का नाम, योनि का नाम जहाँ पार्श्व का जहाँ कमठ का जीव उत्पन्न हुआ जीव उत्पन्न हुआ वज्रघोष हाथी कुक्कुट सर्प पविघोष हाथी सर्प करि (हाथी) अशनि घोष कुक्कुट सर्प हाथी पविघोष हाथी सर्प कुक्कुट कुक्कुट सर्प अशनि घोष हाथी (3) तीसरा भव पार्श्व का जीव, कमठ का जीव कहाँ उत्पन्न कहाँ उत्पन्न हुआ? हुआ? धूमप्रभ नरक सहस्रार कल्प महाशुक्र सहस्रार कल्प सहस्रारस्वर्ग 1. माणिक दि. जैन ग्रन्थमाला बम्बई (सन् 1916 ) से प्रकाशित 2-17. दे. डॉ. राजाराम जैन द्वारा लिखित रइधू साहित्य का आलोचनात्मक परिशीलन (वैशाली, 1974 ई.) 18. S.B.E. Series, Vol. 45, Introducton नरक पाँचवा नरक धूमप्रभ पंचम नरक प्रस्तावना :: 21
SR No.023248
Book TitlePasnah Chariu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2006
Total Pages406
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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