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________________ (5) पाँचवा भव ग्रन्थ का नाम (4) चौथा भव पिता का नाम | माता का नाम पार्श्व की पूर्व योनि का नाम कमठ की पार्श्व के देह-| पार्श्व का जीव, | कमठ का जीव पूर्व-योनि | त्याग का | किस स्वर्ग में | किस नरक में का नाम कारण गया? गया? विद्युन्माला रश्मिवेग | अजगर अच्युत कल्प | छठवाँ नरक गुणभद्र कृत उत्तरपुराण | विद्युत्गति । 9वीं सदी अजगर के निगलने से पुष्पदन्त कृत महापुराण . विद्युत्वेग (तिसट्ठि) 9वीं सदी तडिन्माला तमप्रभ नरक भुजंग तमप्रभ नरक वादिराजसूरि कृत पार्श्वचरित 10वीं सदी भुजंग के डेंसने से विद्युत्गति | तिलकावती | किरणवेग | सर्पमहोरग धूमप्रभ नरक देवभद्रसूरिकृत. सिरिपास. 12वीं सदी कनकतिलका सर्पमहाहिः द्वादश कल्प | तमप्रभ नरक हेमचन्द्रकृत त्रिषष्ठि. 13वीं सदी मदनावली अजगर रौद्रनरक पउमकित्ति कृत पासणाह. 11वीं सदी अजगर के | अच्युत कल्प डंसने से विद्युत्गति | कनकतिलका हेमविजयगणिकृत पार्श्वचरितम् 14वीं सदी रश्मिवेग | सर्प महाहिः | सर्प के डंसने से तमप्रभ अशनिगति तडित्वेगा । अशनिवेग अजगर पाँचवा नरक महाकवि रइधूकृत पास. । 15वीं-16वीं सदी अजगर के निगलने से विद्युत्वेग रत्ना अजगर बुध श्रीधर कृत पास. 12वीं सदी । किरणवेग अथवा- (रविवेग) अजगर के | अच्युत कल्प डॅसने से तमप्रभ छठवाँ नरक 22:: पासणाहचरिउ
SR No.023248
Book TitlePasnah Chariu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2006
Total Pages406
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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