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रुचिरा श्रेष्ठ धर्म के प्ररुपक, सत्य युक्त शास्त्रों के वक्ता, अज्ञानी जीवों के शरण स्वरूप, सुंदर, चंद्र सम शीतल, सूर्य सम प्रभावाले, चांदनी सम निर्मल कीर्तिमान, राजाओं के भी राजा, सुख के समुद्र, स्वर्ग सुख के प्रदाता, मुक्ति सुख के प्रदाता, निर्मल, चतुर्विध संघ के नायक श्री नमिनाथ भगवान सदा विजयी हो ॥२३॥
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जिनेन्द्रस्तोत्रम्