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________________ पाठ - 5 प्राकृत वाक्यों का संस्कृत-हिन्दी अनुवाद प्राकृत संस्कृत हिन्दी 1. | अम्हे दोण्णि ठाएमो || आवां द्वौ तिष्ठावः ।। हम दो खड़े रहते हैं। अम्हो जेएमु । वयं जयामः । हम जीतते हैं। 3. | हं ठामि । अहं तिष्ठामि । मैं खड़ा रहता हूँ। अम्हे होएमो । वयं भवामः । हम हैं। अम्हे दुवे झामु । आवां द्वौ ध्यायावः हम दो ध्यान करते हैं। 6. | हं होमि । अहं भवामि । मैं होता हूँ। हं पामि । अहं पिबामि । मैं पान करता (पीता) हूँ। | अहं झाएमि अहं ध्यायामि । मैं ध्यान करता हूँ। 9. | सो होइ। स भवति । वह होता है। तुम्हे दोण्णि युवां द्वौ ध्यायथः । | तुम दोनों ध्यान करते झाएइत्था । हो। | ते होइरे । ते भवन्ति । वे होते हैं। ते पान्ति । ते पिबन्ति । वे पीते हैं। 13. तुं झासि । त्वं ध्यायसि । तू ध्यान करता है। 14. हं पहाअमि । अहं स्नामि । मैं स्नान करता हूँ। | तुज्झे ठाएइत्था । यूयं तिष्ठथ । तुम खड़े रहते हो। 16.| तुम्हे विण्णि नेइत्था युवां द्वौ नयथः । तुम दो ले जाते हो। 17.| तुं पाअसे । त्वं पिबसि । तू पीता है। 18. ते चवेइरे । ते च्यवन्ते ।. वे गिरते हैं। (1 ला.ग.आ.) 19. हं जरेमि । अहं जीर्यामि । मैं जीर्ण (पुराना) होता हूँ। 20.| अहं गामि । अहं गायामि । मैं गीत गाता हूँ। 21.| अम्हे वे ण्हाम । आवां द्वौ स्नावः । हम दो स्नान करते हैं। 22.| सो ण्हवेइ । स हनुते । वह छुपाता है। (2रा ग. आ.) - १२ -
SR No.023126
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysomchandrasuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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