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________________ हिन्दी 14. मैं भोजन करता हूँ । 15. तुम दोनों पीते हो । 16. क्र. तुम नमस्कार करते हो । 19. | मैं त्याग करता हूँ । 20. वह देखता है । 17. तू सिलाई करता है । तुं सिव्वसि । 18. हम दो हैं । अम्हे वे अस्थि । हं चयामि । सो देक्खइ | तुं स । ते सलहेइरे । 21. तू है । 22. वे प्रशंसा करते हैं । 23. | तुम भटकते हो । गुस्सा करते हैं । 24. वे 25. | वे निन्दा करते हैं 26. | तुम समझते हो । । 27. तुम दो विघ्न करते हो । संस्कृत हं जेमामि । अहं भुजे । तुब्भे दोणि पिज्जेइत्था । युवां द्वौ पिबथः । तु वह । यूयं नमथ | 28. तुम दोनों हो । 29. | वह चुपड़ता है । 30. | हम भोजन करते हैं 31. तुम बाँधते हो । 32. | तुम क्षीण होते हो । 33. वे दो काँपते हैं । 34. तू दुःख देता है । प्राकृत भमित्था । ते रूसन्ति । ते निन्दन्ति । तुब्भे बुज्झह । तुम्हे दोणि बाहेह | तुभे वेणि अत्थि । सो चोप्पडेइ | । अम्हे जेमेमो । तुम्हे बंधइत्था । तुं निज्झरसि । तुम्हे वे कंपित्था तुं बाहसे | ११ त्वं सीव्यसि । आवां द्वौ स्वः । अहं त्यजामि पश्यति । त्वमसि । ते श्लाघन्ते । यूयं भ्राम्यथ । रुष्यन्ति । ते निन्दन्ते । यूयं बुध्यथ । युवां द्वौ बाधेथे । युवां द्वौ स्थः । सम्रक्ष्यति । वयं भुञ्ज्महे । यूयं बध्नीथ | त्वं क्षयसि । तौ द्वौ कम्पे | त्वं बाधसे ।
SR No.023126
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysomchandrasuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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