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________________ क्र. प्राकृत 28. तं उज्झसे । 29. ते दो किणेइरे । 30. हं म्हि । 31 ते दुण्ण रक्खति । 32. | तुम्हे वे अत्थि । 33. तुं सलहेसि । 34. ते तूसंति । 35. अम्हे चिट्ठेमु | 36. | तुम्हे वंछेह | 37. तुम्हे पूसेह | 38. ते साहिन्ति । यूयं वाञ्छथ । यूयं पुष्यथ । कथयन्ति । ते साध्नुवन्ति हिन्दी वाक्यों का प्राकृत संस्कृत क्र. हिन्दी 1. तुम चाहते हो । 2. हम देखते हैं । 3. वह सहन करता है । 4. तुम सिद्ध करते हो । 5. हम दो रक्षण करते हैं । 6. तुम देते हो । 7. संस्कृत त्वम् उज्झसि । तौ द्वौ क्रिणीतः । अहम् अस्मि । तौ द्वौ रक्षतः । युवां द्वौ स्थः । त्वं श्लाघसे । ते तुष्यन्ति । वयं तिष्ठामः । हम त्याग करते हैं । 8. तुम दोनों विचार | करते हो । 9. वे दो कहते हैं । 10. तुम बैठते हो । 11. तुम खड़े रहते हो । 12. हम हँसते हैं । 13. | वे चुपड़ते हैं । } प्राकृत तु छिथा । अम्हे देखेो । स सहेइ । तुब्भे साहेइत्था अम्हे दो रक्खिमो । ते दुवे कह । तुझे अच्छेह । तुभे थक्केह । अम्हे हसि । ते चोप्पडेइरे । १० हिन्दी तू छोड़ता है । वे दो खरीदते हैं / मैं हूँ । दो रक्षण करते हैं । तुम दो हो । तू प्रशंसा करता है । वे संतोष रखते हैं । हम खड़े रहते हैं । तुम इच्छा करते हो । तुम पोषण करते हो । वे कहते हैं । वे सिद्ध करते हैं । अनुवाद संस्कृत यूयं वाञ्छथ । वयं पश्यामः । सहते । तुभे अप्पिया । अम्हे चयामो । वयं त्यजामः । तु वे चिंतेइत्था । युवां द्वौ चिन्तयथ । यूयं साध्नुथ | आवां द्वौ रक्षावः । यूयमर्पयथ । तौ द्वौ कथथ | यूयमाध्वे । यूयं तिष्ठथ । वयं हसामः । ते म्रक्ष्यन्ति ।
SR No.023126
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysomchandrasuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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