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________________ भूक तथा भाषांतर. (२०३ : अर्थ-अथवा लोकना एक एक प्रदेशे एक एक गोलाने स्थापन करा. तो उत्कृष्ट पदमा जीव प्रदेश तुल्य प्रदेशमा मायछे. २२. विवेचन-अथवा लोकना एक एक प्रदेशने विषे एक एक गोलाने स्थापन करवो अने ते प्रमाणे स्थापन करतां ते गोलाओ जेटला आकाश प्रदेशने रोके तेटलाज एक जीवना उत्कृष्ट पदे जीव प्रदेशो जाणवा. माटे गोलाओ तेमज उत्कृष्ट पदे जीव प्रदेशो सरखा जाणवा. २२. गोलो जीवो य समा, पएसओ जं च सव्वजीवावि । हुँति समोगाहणया, मज्झिमओगाहणं पप्प ॥ २३ ॥ गोलो-गोलो ज-जे कारण माटे | मन्झिमओगाहणं सव्वजीवावि-सर्व जीवो-जीव जीवो पण मध्यम अवगाहना समा-सरखा हुँति-होय छे | पप्प-आश्रीने | समोगाहणया-अव. पएसओ-प्रदेश आश्रीने गाहनावाळा अर्थ-गोलो तथा जीव (अवगाहनावाला) प्रदेश आश्री तुल्य छे. जे कारण माटे सर्व जीवो पण मध्यम अवगाहनाने आश्रीने सरखी अवगाहनावाळा होय छे. २३. विवेचन-गोलो तथा जाव अवगाहनाना प्रदेशो आश्रीने तुल्य छे. बनेनी अवगाहना अंगुलना असंख्यातमा भाग प्रमाण होवाथी कल्पनाथी बने दश दश हजार आकाश प्रदेशमां अवगाह्या छे. कारणके सूक्ष्म सर्व जीवो पण मध्यम अवगाहनाने आश्री सरखी अवगाहनावाला छे. कल्पनाथी जघन्य अवगाहना पांच हजार प्रदेशनी अने उत्कृष्ट अवगाहना पंदर हजार प्रदेशनी गणो. पछी बने अवगाहना मेळची अडधी करवाथी मध्यम अवगाहना दश हजा: प्रदेशनी थाय छे. २३,
SR No.023119
Book TitlePushpa Prakaran Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharya
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages306
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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