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________________ एकादशोऽध्यायः 153 अच्छी वर्षा, सामान्य शीत, माघ में वज्रपात, अन्न का भाव महँगा और व्यापारी वर्ग या धोबी, कुम्हार, नाई आदि के लिए फाल्गुन, चैत्र और वैशाख में कष्ट होता है। गुरुवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जिस दिन इसका दर्शन होता है, उस दिन के आठ दिन पश्चात् ही घोर वर्षा होती है । इस वर्षा से नदियों में बाढ़ आने की भी संभावना रहती है । व्यापारी वर्ग के लिए यह दर्शन उत्तम माना गया है । शुक्रवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनता को आनन्द, सुभिक्ष, परस्पर में सहयोग की भावना का विकास, धन-जन की वृद्धि एवं नागरिकों को सुख - शान्ति मिलती है । शनिवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो साधारण जनता को भी कष्ट होता है । वर्षा अच्छी होती है, पर असामयिक वर्षा होने के कारण जनता के साथ पशु वर्ग को भी कष्ट उठाना पड़ता है। कात्तिक मास में मंगलवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो अग्नि का प्रकोप होता है, अनेक स्थानों पर आग लगने की घटनाएँ सुनाई पड़ती हैं । व्यापार में घाटा होता है । देश में कुछ अशान्ति रहती है। पशुओं के लिए चारे का अभाव रहता है। बुधवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो शीत का प्रकोप होता है । शहरों में भी ओले बरसते हैं । पशु और मनुष्यों को अपार कष्ट होता है। गुरुवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनता को अपार कष्ट होता है । यद्यपि आर्थिक विकास के लिए इस प्रकार के गन्धर्वनगर दिखलाई पड़ना उत्तम होता है। शुक्र को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो शान्ति रहती है । जनता में सहयोग बढ़ता है । औद्योगिक विकास के लिए उत्तम होता है । शनिवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो सिंह, व्याघ्र आदि हिंसक पशुओं द्वारा जनता को कष्ट होता है । व्यापार के लिए इस प्रकार के गन्धर्वनगर का दिखलाई पड़ना शुभ नहीं है। मार्गशीर्ष मास में मंगलवार के दिन गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनता को कष्ट, आगामी वर्ष उत्तम वर्षा, फसल अच्छी और बड़े पूंजीपतियों को कष्ट होता है। बुधवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो भी जनता को कष्ट होता है। गुरुवार को गन्धर्वनगर का दिखलाई पड़ना अच्छा होता है, देश का सर्वांगीण विकास होता है । शुक्रवार को गन्धर्वनगर का देखा जाना लाभ, सुख, आरोग्य और शनिवार को देखने से हानि होती है । शनिवार की शाम को यदि पश्चिम दिशा में गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो गदर होता है । कोई किसी को पूछता नहीं, मारकाट और लूटपाट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है । पौषमास में मंगलवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो प्रजा को कष्ट, रोग और अग्निभय, बुधवार को दिखलाई पड़े तो पूर्ण सुभिक्ष, धान्य का भाव सस्ता, सोना-चाँदी का भाव महँगा; शुक्रवार को दिखलाई पड़े तो आगामी वर्ष वनघोर
SR No.023114
Book TitleBhadrabahu Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Jyotishacharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages620
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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