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________________ 154 भद्रबाहुसंहिता वर्षा, आर्थिक कष्ट, आवास की समस्या और अन्न कष्ट, एवं शनिवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो राजा और प्रजा दोनों को अपार कष्ट होता है । माघ मास में मंगलवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो चंती फसल बहुत उत्तम, लोहा के व्यापार में पूर्ण लाभ, रबर या गोंद के व्यापार में हानि, राजनीतिक उपद्रव और अशान्ति; बुधवार को दिखलाई पड़े तो उत्तम वर्षा; सुभिक्ष, आर्थिक विकास और शान्ति; गुरुवार को दिखलाई पड़े तो सुख, सुभिक्ष और प्रसन्नता; शुक्रवार को दिखलाई पड़े तो शान्ति, लाभ और आनन्द एवं शनिवार को दिखलाई पड़े तो अपार कष्ट होता है । प्रातःकाल शनिवार को इस महीने में गन्धर्वनगर का देखना शुभ होता है । उस प्रदेश में सुभिक्ष, सुख और शान्ति रहती है । फाल्गुन मास में मंगलवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो आषाढ़ से आश्विन तक अच्छी वर्षा होती है, गेहूँ, धान, ज्वार, जौ, गन्ना के भाव में महँगी रहती है । यद्यपि कार्तिक के पश्चात् ये पदार्थ भी सस्ते हो जाते हैं । व्यापारियों, कलाकारों और राजनीतिज्ञों के लिए वर्ष उत्तम रहता है। बुधवार को गन्धर्वनगर दिखलाई देने से फसल में कमी, राजा या अधिकारी शासक का विनाश, पंचायत में मतभेद एवं सोना चाँदी के व्यापार में लाभ; गुरुवार को दिखलाई दे तो पीले रंग की वस्तुओं का भाव सस्ता, लाल रंग की वस्तुओं का भाव महँगा और तिल, तिलहन आदि का भाव समघं, शुक्र को दिखलाई पड़े तो पत्थर, चूने के व्यापार में विशेष लाभ, जूट में घाटा और वर्षा समयानुसार; एवं शनिवार को दिखलाई पड़े तो वर्षा अच्छी और फसल सामान्यतया अच्छी ही होती है । चैत्र मास में मंगलवार को सन्ध्या समय गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो नगर अग्नि का प्रकोप, पशुओं में रोग, नागरिकों में कलह और अर्थहानि; बुधवार को मध्याह्न में दिखलाई पड़े तो अर्थविनाश, नागरिकों में असन्तोष, रसादि पदार्थों का अभाव और पशुओं के लिए चारे की कमी; गुरुवार को रात्रि में गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनता को अत्यन्त कष्ट, व्यसनों का प्रचार, अधार्मिक जीवन एवं अर्थक्षति, शुक्रवार को दिखलाई पड़े तो चातुर्मास में अच्छी वर्षा, उत्तम फसल, अनाज का भाव सस्ता, घी, दूध की अधिक उत्पत्ति, व्यापारियों को लाभ एवं शनिवार को मध्यरात्रि या मध्य दिन में गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनता में घोर संघर्ष, मारकाट एवं अशान्ति होती है । अराजकता सर्वत्र फैल जाती है । वंशाख मास में मंगलवार को प्रातःकाल या अपराह्न काल में गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो चातुर्मास में अच्छी वर्षा और सुभिक्ष, बुधवार को दिखलाई पड़े तो व्यापारियों में मतभेद, आपस में झगड़ा और आर्थिक क्षति; गुरुवार को
SR No.023114
Book TitleBhadrabahu Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Jyotishacharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages620
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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