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________________ देने निकली, पर पुलिस ने उन्हें तुरन्त गिरफ्तार कर लिया। श्रीमती पद्मावती के बाद महेन्द्र जी की धर्मपत्नी अंगूरी देवी जिले की दसवीं अधिनेत्री बनायी गयी । एक घंटे बाद वे दो बालकों के साथ 'सैनिक' के दफ्तर पर चढ़कर और भीतरले किवाड़ लगाकर भारत माता की जय के नारे लगाने लगी, जब भीड़ सैंकड़ों की संख्या में इकट्ठी हो गयी, तब उन्होंने व्याख्यान देना शुरू किया। वे जब तक व्याख्यान देती रही, तब तक पुलिस ऊपर पहुँचने की कोशिश करती रही । आखिर पुलिस बगल के मकान पर से जंगला तोड़कर 'सैनिक' के कार्यालय में पहुँची। पुलिस के पहुँचते ही श्रीमती जी ने व्याख्यान समाप्त कर दिया और पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया । अंगूरी देवी के विषय में पत्र में आगे उल्लेख मिलता है कि गिरफ्तारी के बाद भी वे रास्ते भर भारत माता की जय के नारे लगाती हुई कोतवाली तक गयी। बीच में दो बार पुलिस ने उनको रिक्शे में बैठाना चाहा, पर वे नहीं मानी। एक जगह तो हजारों की भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठी की शरण लेनी पड़ी। श्री महेन्द्र की लड़की को जेल भेजने में पुलिस अधिकारियों ने बड़ा ऐतराज किया। यहाँ तक कि इसी बात पर वे श्रीमती महेन्द्र को छोड़ने को भी राजी हो गये, पर श्रीमती जी के सत्याग्रह के सामने उनकी एक न चली, अन्त में उन्हें लड़की के साथ जेल भेजना पड़ा। अंगूरी देवी के विषय में एक और समाचार प्रकाशित हुआ, 'श्रीमती महेन्द्र बीमार' (शीर्षक), श्रीमती महेन्द्र लगभग 6 महीने से बीमार थी और अभी तक उनका इलाज हो रहा था। डॉक्टरों की राय नहीं थी कि वे अभी जेल जायें, पर उनके दृढ़ संकल्प को कोई रोक नहीं सका और वे अचानक आज गिरफ्तार हो गयी। सूचना विभाग उ.प्र. के अनुसार अंगूरी देवी धर्मपत्नी महेन्द्र जैन मानपारा आगरा ने 1930 में आगरे की कोतवाली की पिकेटिंग में भाग लिया। सन् 1932 में बरौदा गाँव जाकर सत्याग्रह किया और सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौरान 5 मार्च 1932 को 6 मास कैद तथा • 50 रुपये जुर्माने की सजा पायी। इस प्रकार श्रीमती अँगूरी देवी ने सम्पूर्ण आगरा में सत्याग्रह का बिगुल बजाया । श्रीमती अंगूरी देवी जैन समाज आगरा ने स्वतंत्रता के इस आन्दोलन में निरन्तर कार्य किया । 'जैन सेवा मण्डल' द्वारा आगरा के सभी जैन मंदिरों में जाकर विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार कराया गया। इससे सम्बन्धित एक समाचार के अनुसार - 'जैन सेवा सविनय अवज्ञा आन्दोलन और जैन समाज :: 95
SR No.022866
Book TitleBhartiya Swatantrata Andolan Me Uttar Pradesh Jain Samaj Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmit Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2014
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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