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________________ 382 श्रमण-संस्कृति 30. भरुकच्छा पलाचानं बणिजानं धनेसिलं, मकरेहीवभदा नावा फलफेलाहमत्लणि ना० त० सुसान्धि जा० पृ० 3501 31. जा० चतुर्थ चतुद्वार, जा०. पृ० 2041 32. वही, सड्एरष जा० पृ० 218 । 33. जा० पंचम पण्डर, जा० पृ० 218 । 34. जा० चतुर्थ, सुत्पारक जा० पृ० 337 और आगे। 35. जा० पंचम, सुधा भोजन जा०, पृ० 485, जा० 53 । 36. वागले नरेन्द्र : सोसाइटी एट दी टाइम आफ दि बुद्ध। 37. दी०नि० द्वि०, पृ० 70,711 38. वही, पृ० 100। 39. दी० नि० द्वि०, पृ० 255। 40. जा० प्र० खं० कण्ड जा० पृ० 3011 41. प्राचीन पालि साहित्य में भारतीय समाज, पृ० 322 और आगे। 42. मेहता : प्री बुद्धिस्ट इण्डिया, पृ० 225।। 43. प्राचीन पालि साहित्य में भारतीय समाज, पृ० 324 । 44. जा० षष्ट, पृ० 34 और आगे। 45. वही, पृ० 32। 46. बुद्धिस्ट लीजेंट्स, पार्ट, 1, पृ० 77। 47. प्राचीन पालि साहित्य में भारतीय समाज, अध्याय नवम, संदर्भ पथपरिवहन। 48. जा० तृ०, पृ० 3651 49. जा० पंचम, पृ० 2901 50. मेहता, प्री० बुद्धिस्ट इंडिया, पृ० 226 । 51. वही, पृ० 2161 52. प्राचीन पालि साहित्य में भारतीय समाज, पृ० 332। 53. जा० चतुर्थ, महावाणिज जा०, पृ० 558 । 54. प्राचीन पालि साहित्य में भारतीय समाज, पृ० 332। 55. वही। 56. प्राचीन पालि साहित्य में भारतीय समाज, पृ० 333 । 57. वही, पृ. 333। 58. वही, पृ० 3341
SR No.022848
Book TitleAacharya Premsagar Chaturvedi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjaykumar Pandey
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2010
Total Pages502
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size36 MB
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