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________________ 112 जैन संस्कृति का इतिहास एवं दर्शन 47. वही, 2/36/11-48 48. वही, 2/37/1 49. वही, 2/37/11 50. विष्णुपुराण, 2/1/7 51. विष्णुपुराण, 2/1/32 52. प्रभासपुराण शिवपुराण, 7/2/9 53. 54. विष्णुपुराण, 2/131/59 55. स्कंधपुराण प्रभासखण्ड, अ॰ 16, सू॰ 96 ब्रह्माण्डपुराण, उ。 3, अ. 14, सू० 34, 39 57. लिंगपुराण, अ० 47, श्रोक 25 56. 58. नाभिस्तु जनयेत पुत्रं मरुदेव्या मनोहरम् । ऋषभं क्षत्रियं श्रेष्ठ सर्वक्षत्रस्य पूर्वजम ॥ ऋषभा भरतो जज्ञे वीर पुत्रः शताग्रजः । राज्येऽभिषिच्य भरत, महाप्रान्राज्यमास्थित ॥ 59. इह हिश्क्ष्वाकुकुलवंशोद्भवेन नाभिसुतेन मरुदेव्यानंदन महादेवेन ऋषभेण दशप्रकारो धर्मः स्वयमेवा चीर्णः केवलज्ञानलाभाच्य प्रवर्तितः । ब्रह्माण्ड पुराण ऋषभो मरुदेव्याच, ऋषभाद भरतोऽभवत् । भरताद् भारतं वर्ष, भरतात् सुमतिस्त्वभूत । अग्निपुराण - 60. 67. History of the Sanskrit Litrature, Arther A. Macdonal, p. 226 Political History of Anciant India, N.c. Raychodhary, p. 52 The Principal of Upnishadas, Dr. S. Radhakrishnan, p. 22 63. मुण्डकोपनिषद्, 1/2/7 62. 64. अ. छान्दोग्य उपनिषद्, 8/5/1 ब. वृहदारण्यक उपनिषद्, 2/2/9, 10 65. श्वेताश्वतर उपनिषद्, पृ० 23 प्राचीन भारतीय साहित्य, एम. विंटरनिट्ज, पृ0 190-191 66. 67. जाबालोपनिषद्, पृ० 6 68. नारद परिव्राजकोपनिषद्, 3 / 86 69. ईशाद्यष्टोत्तरशतोपनिषद्, Ed. W. E. Shastri - Paniskar p. 150 (Nirnaya-sagar press, 1925) वृहदारण्यक उपनिषद् 70. 71. वही 72. रेवतान्दौ जिनो नेमिर्युगादि विमलाचले । ऋषींणामाश्रमा देवमुक्ति मार्गस्यकारणं ॥ - महाभारत, मध्य पर्व
SR No.022845
Book TitleJain Sanskruti Ka Itihas Evam Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMinakshi Daga
PublisherRajasthani Granthagar
Publication Year2014
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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