SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 22
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री महाबल मलयासुंदरी चरित्र आगन्तुक युवक अपने घर का जो इतिहास सुनाया है सिर्फ वही मेरी चिंता का कारण है । इतना कहकर महाराज वीरधवल फिर शांत हो गये । - महारानी चंपक माला हाथ जोड़कर नम्रता से बोली महाराज ! आपकी चिंता का कारण हम सहचरियों को अवश्य सुनाना चाहिए । हम आपके ही सुख से सुखी और दुःख से दुःखी होनेवाली है । आपके कथनानुसार इस चिंता में हम खुशी से हिस्सा लेगी । प्रिया का अत्याग्रह देख महाराज वीरधवल अपनी उदासीनता का कारणरूपी गुणवर्मा द्वारा कहा हुआ वृत्तान्त सुनाने लगे । प्रिय वल्लभाओ! हमारी इस चंद्रावती नगरी में लोभाकर और लोभानन्दी नाम के दो वणिक रहते हैं । वे अपने नामानुसार ही गुणनिष्पन्न है । सहोदर होने के कारण उन दोनों भाईयों में परस्पर प्रेमभाव भी है । वे लोहे आदि का व्यापार करके धन उपार्जन करते हुए सुख से दिन व्यतीत करते हैं । समय क्रम से लोभाकर को गुणवर्मा नामक पुत्र हुआ । परंतु अनेक स्त्रियों के साथ पाणिग्रहण करने पर भी लोभानंदी को कोई संतान न हुई । सचमुच पुत्र पुत्री आदि संतति रूपी फल भी पूर्वोपर्जित शुभाशुभ कर्म बीजानुसार ही मिला करता है । एक दिन वे दोनों भाई दुकान पर बैठे थे । उस समय एक सुंदर आकृति वाला अपरिचित युवा पुरुष वहां आया । सांसारिक व्यवहार में एवं अधिकतया वणिक कला में प्रवीण इन वणिकों ने उसकी आकृति पर से उसे धनवान समझकर आसनादि देकर उसकी अच्छी भक्ति की । कितने एक दिन के बाद उन वणिकों की बनावटी प्रीति और भक्ति से विश्वास प्राप्त करनेवाले उस युवान पुरुष ने अपने पास रहा हुआ एक तूम्बा कुछ दिन के लिए धरोहर के तौर पर उन्हें सौंप दिया और खुद किसी एक गाँव को चला गया । उन्होंने उस तूंबे को दुकान में किसी एक खूंटी पर लटका दिया । एक दिन आताप की गर्मी से पिघले हुए रस के बिंदु उस तूंबे में से गिरकर नीचे पड़ी हुई लोहे की एक खुदाली पर पड़ी और उस रस के स्पर्श मात्र से सुवर्णमय बन गयी । यह देखकर 5
SR No.022652
Book TitleMahabal Malayasundari Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilakvijay, Jayanandsuri
PublisherEk Sadgruhastha
Publication Year
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy