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________________ श्री महाबल मलयासुंदरी चरित्र विचित्र स्वयंवर 'कुछ' है? यह सुन मगधा ने हर्ष प्राप्त करते हुए कहा - 'इसमें तेरे लिये ही कुछ रखा हुआ है । और इस कुछ को तूं ग्रहण करके अपने घर ले जा । अब मेरे तेरे बीच लेने देने का कुछ संबंध नहीं रहा ।' यह देख खुश होकर तमाम लोग हंसकर बोले - "वाहरे धूर्त! वस्त्र, धन न लेकर, तूंने यह अपने कर्तव्य के अनुसार अच्छा कुछ लिया? उस धूर्त को सांपने डस लिया था इसलिए उसका विष उतारने के लिए उसे तोतला देवी के मंदिर पर ले जाया गया और मुझे साथ लेकर मगधा अपने मकान पर आ गयी । उसके गृहद्वार में प्रवेश करते ही कुछ आश्चर्यपूर्वक मैंने मगधा से कहा - 'मगधा! मैं तुम्हारे घर में प्रवेश न करूंगा, क्योंकि मुझे मालूम होता है, तुम्हारे घर में कोई भी राजद्रोही मनुष्य छिपा हुआ है । मेरे इन शब्दों से भयभ्रांत हो अनेक प्रकार के तर्कवितर्क करती हुई मगधा मेरे पैरों में झुक गयी । और हाथ जोड़ कर बोली - 'हे भद्र पुरुष! आपने सब अपने ज्ञानबल से समझ लिया है, परंतु कृपाकर आप यह बात अन्य किसी के सामने न करें । राजा की रानी कनकवती जिसने कपट द्वारा राजा की निर्दोष पुत्री को कल जान से मरवा दिया, उसका कपट प्रकट होने से उसे पकड़ने के लिए शहर में चारों तरफ राजपुरुष घूम रहे हैं । बचपन के स्नेह के कारण वह पिछली रात में छिपकर मेरे घर आकर रही है । हे सत्पुरुष! किसी भी उपाय से इस धधकती हुई आग को आप मेरे घर से बाहर निकालें इससे मैं आपका बड़ा उपकार मानूंगी । मैंने कहा - 'यदि मैं इस समय उसे तेरे मकान से बाहर निकाल दूं तो इससे भयंकर परिणाम उपस्थित होगा । बाहर निकले बाद अगर उसे किसी राजपुरुष ने देख लिया तो उसके साथ ही हम सबको महान् संकट में पड़ना होगा । तथापि तेरा विशेष आग्रह है तो मैं कुछ ऐसा उपाय करूंगा कि जिससे तेरे घर से वह स्वयं ही चली जाय । इस कार्य के लिए मुझे आज रात को एकांत में उसके साथ मिलाना।' यह सुनकर मगधा बड़ी खुश हुई । और भावभक्तिपूर्वक मुझे भोजन करा रात में उसने कनकवती से मेरी भेट करायी, मुझे पुरुष रूप में देखकर उसका हृदय कामवासना से परिपूर्ण हो गया । वह बार - बार मेरे सन्मुख कटाक्ष करती हुई, निर्लजता से 106
SR No.022652
Book TitleMahabal Malayasundari Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilakvijay, Jayanandsuri
PublisherEk Sadgruhastha
Publication Year
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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