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________________ विषयानुक्रमआचार्यस्वरूपनिरूपण-पहेलो अधिकार पृष्ठ www ०२ २१ विषय पृष्ठ मंगलादिकनी आवश्यकता महावीर नाम केम पडडे? गच्छाचार पयन्नानी प्राचीनता केवा गच्छमां वास करवो? तेने लगता दृष्टान्तो भ्रष्ट गच्छवासथी संसारभ्रमण गच्छाचार पयत्नाना कर्ता कोण? वाचना क्यारे थई ? प्रकीर्णक एटले शुं? १३ श्रुतज्ञानना प्रकार कालिक ने उत्कालिक श्रुतनुं । विस्तृत विवेचन सारा गच्छवास, फल शेलकाचार्यनी कथा वीर्योल्लासनी वृद्धिथी फलप्राप्ति अरणिक मुनिवरनुं वृत्तांत आचार्यनां लक्षणो भ्रष्टाचार्यनां चिह्रो शल्य संबंधी अश्वनी कथा आलोचना कोनी पासे लेवी? विकथा अने तेना प्रकारो अंगारमर्दकाचार्यनी कथा आचार्यना ३६ गुणो आलोचनानी आवश्यकता ६० सारा आचार्य- कर्तव्य --- ६१ वस्त्र, पात्र ने वसतिनी विचारणा -..-६३ विषय दीक्षा कोने न आपी शकाय? अतिमुक्तक कुमारनी कथा वज्रस्वामीनुं वृत्तांत आर्यरक्षितसूरिनुं वृत्तांत नपुंसकना प्रकारो सारणादिकनी आवश्यकता शिष्य शत्रुरूप क्यारे मनाय? शिष्ये गुरुने समजाववानी रीत ज्ञानाचारनुं स्वरूप १०० दर्शनाचारनुं स्वरूप १०२ चारित्राचार- स्वरूप १०४ तपाचारनुं स्वरूप वीर्याचारनुं स्वरूप पिंडादिकनुं वर्णन सोळ प्रकारना उद्गम दोष ११५ सोळ प्रकारना उत्पादन दोष ११५ घेवरीया साधुनुं वृत्तांत (फुटनोटमा) ११५ सेविया साधुनुं वृत्तांत (फुटनोटमा) ११६ आषाढाभूतिनुं वृत्तांत (फुटनोटमा) ११७ सिंहकेसरिया साधुनुं वृत्तांत (फुटनोट) ११७ दश प्रकारना एषणा दोष ११८ पांच प्रकारना ग्रासैषणा दोष आचार्य त्रीजा भंग तुल्य विहारनुं विस्तृत स्वरूप सारा आचार्यनं कर्तव्य १२४ सारा अने भ्रष्टआचार्यने उपमाओ १०४ ११३ ११४ ३८ WOW ११८ १२५
SR No.022586
Book TitleGacchayar Ppayanna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayrajendrasuri, Gulabvijay
PublisherAmichand Taraji Dani
Publication Year1991
Total Pages336
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gacchachar
File Size31 MB
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