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________________ १२७ १३९ १४५ १७२ १५० विषय पृष्ठ . विषय पृष्ठ सावधाचार्यनी कथा चरणसित्तरीने करणसित्तरीना भेदो १३५ मोक्षमार्गना विनाशक संविज्ञपाक्षिक- कर्तव्य १३७ आचार्यना त्रण प्रकार १३१ आचार्यने शिखामण संविज्ञ पाक्षिकना लक्षणो १३२ { यतिस्वरूप-बीजो अधिकार } कोनी साथे विहार करवो? १४१ कोना हाथथी आहार न लेवो? १६८ अगीतार्थ साथे विहारनो त्याग १४२ संयोजनादि पांच दोषो १६९ सात नयनुं स्वरूप १४३ चारित्र-वहन माटे ज आहार कल्पे १७० सप्तभंगी- संक्षिप्त स्वरूप वास्तविक गच्छ कोने कहेवो? १७१ गीतार्थ मुनिनी श्रेष्ठता १४६ साध्वीसंगनुं वर्जन १७१ चारित्र-कांटानो मार्ग १४७ अर्णिकापुत्र आचार्य- वृत्तांत अगीतार्थनो उपदेश झेर सद्दश १४८ वृद्धमुनिने पण साध्वी साथेना । १७६ अगीतार्थना पांच प्रकार १४९ ___वार्तालापनो निषेध । अगीतार्थना संगथी अध:पतन स्त्रीजातिमां दूषणो १७७ सुमतिनुं वृत्तांत स्त्रीवाचक शब्दोना विविध अर्थो १७८ जळमनुष्य- स्वरूप १५३ स्त्रीना दूषणो संबंधी अन्य ) रागी ने क्रोधी शिष्यवाळा । शास्त्रकारो, कथन १७९ १५५ गच्छनो त्याग कूलवालुक मुनिनीकथा (फुटनोटमां) १८० सारा गच्छमां वास करवाथी लाभ १५६ मणिरथनी कथा (फुटनोटमा) १८१ केवा साधुओ निर्जरा करी शके? अग्निसमीपे घीनी माफक स्त्री १८३. स्कंदकाचार्य- वृत्तात (फुटनोटमां) १५८ संसर्गनो सदंतर त्याग स्कंदिक मुनिनी कथा (फुटनोटमा) १५८ राजीमती ने रथनेमिनुं वृत्तांत १८३ धन्ना काकंदीनी कथा (फुटनोटमां) १५९ साध्वीसंग-एक मुश्केल बंधन १८५ गजसुकुमालनी कथा (फुटनोटमां) साध्वीनुं कई रीते रक्षण करवू? दश प्रकारनी समाचारी १५९ स्थानांगसूत्रमा दर्शावेल साधु । पडिलेहण- सुंदर स्वरूप १६० साध्वीओने एकत्र रहेवाना . १८६ आवश्यक संबंधी वर्णन १६२ पांच स्थळो सत्तर प्रकारनो संयम १६५ लब्धिधारी पण चारित्रभ्रष्ट १८७ वाणीना प्रकार १६५ साधुनो त्याग आहार- प्रमाण १६६ १५० १५६ १८३ WWW १५९ १८६
SR No.022586
Book TitleGacchayar Ppayanna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayrajendrasuri, Gulabvijay
PublisherAmichand Taraji Dani
Publication Year1991
Total Pages336
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gacchachar
File Size31 MB
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