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________________ पुढवीकाइया, आउकाइया, तेउकाइया, वाउकाइया, वणस्सइकाइया, तसकाइया । शब्दार्थ — पुढवीकाइया पृथ्वी के जीव आउकाइया जल के जीव तेउकाइया अनि के जीव वाउकाइया हवा के जीव वणस्सइकाइया फल, फूल, पत्र, बीज, लता, कन्द, आदि वनस्पति के जीव तसकाइया द्विन्द्रिय, त्रिन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय और पंचेंन्द्रिय जीव । पुढवी चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं । आउ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं । तेउ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं । वाउ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थ परिणएणं । शब्दार्थ —— सत्थपरिणएणं शस्त्र - परिणत पृथ्वी को छोड़ कर अन्नत्थ दूसरी पुढवी पृथ्वी चित्तमंतं जीव सहित पुढोसत्ता अंगुलाऽसंख्येय भाग प्रमाण अवगाहना में अलग-अलग अणेगजीवा अनेक जीववाली अक्खाया तीर्थकरों के द्वारा कही गई है. सत्थपरिणएणं शस्त्र-परिणत जल को छोड़कर अन्नत्थ दूसरा आउ जल चित्तमंतं जीव सहित पुढोसत्ता अंगुलाऽसंख्येय भाग प्रमाण अवगाहना में अलग- अलग अणेगजीवा अनेक जीववाला अक्खाया कहा गया है. सत्थपरिणएणं शस्त्र - परिणत अग्नि को छोड़कर अन्नत्थ दूसरा तेउ अग्निचित्तमंतं जीव सहित पुढोसत्ता अंगुलाऽसंख्येय भाग प्रमाण अवगाहना में अलग-अलग अणेगजीवा अनेक जीववाली अक्खाया कही गई है. सत्थपरिणएणं शस्त्र - परिणत वायु को छोड़कर अन्नत्थ दूसरा वाउ वायु चित्तमंतं जीव सहित पुढोसत्ता आंगुलाऽसंख्येय भाग प्रमाण अवगाहना में अलग-अलग अणेगजीवा अनेक जीववाला अक्खाया कहा गया है। वणस्सइ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं । तं जहा - अग्गबीया मूलबीया पोरबीया खंधबीया बीयरूहा संमुच्छिमा तालया वणस्सइकाइया सबीया चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं । शब्दार्थ- सत्थपरिणएणं शस्त्र - त्र - परिणत वनस्पति को छोड़ कर अन्नत्थ दूसरी वणस्सइ वनस्पति चित्तमंतं जीव सहित पुढोसत्ता अंगुलाऽसंख्येय भाग प्रमाण अवगाहना में अलग-अलग अणेगजीवा अनेक जीववाली अक्खाया कही गई है. तं जहा वह इस प्रकार है— अग्गबीया अग्रभाग में बीज वाली कोरंट आदि, मूलबीया मूल में बीजवाली जमीकन्द, कमल आदि पोरबीया गाँठ में बीजवाली साँटे आदि खंधबीया वृक्ष शाखा प्रशाखा में बीजवाली बड़ (बरगद) आदि बीयरुहा बीज के बोने से ऊगने वाली शाल, गेहूं आदि संमुच्छिमा सूक्ष्म बीज वाली तणलया तृण, लता आदि वणस्सइकाइया श्री दशवैकालिक सूत्रम् / २०
SR No.022576
Book TitleDashvaikalaik Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherGuru Ramchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages140
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashvaikalik
File Size12 MB
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