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________________ KHAMMARNINM MMMMMM * सम्पादकः * सत्प्रेरकः * जैनधर्मदिवाकर-शासनरत्न-तीर्थप्रभावक पूज्यवाचकश्रीविनोदविजयजीगणिवर्यः राजस्थानदीपक-मरुधरदेशोद्धारक तथा परमपूज्य आचार्यदेव पूज्यपंन्यासश्रीजिनोत्तमश्रीमद्विजयसुशीलसूरिः विजयजी-गणिवर्यः। ___ श्रीवीर सं. २५१८ प्रतियाँ १००० विक्रम सं. २०४८ प्रथमावृत्तिः नेमि सं. ४३ मूल्यम्-२५) रूप्यकाणि ॐ द्रव्यसहायक: ) अष्टोत्तरशतग्रन्थसर्जक-पञ्चप्रस्थानमयसूरिमन्त्रसमाराधक-एकशतैकजिनमन्दिरप्रतिष्ठाकरक - परमपूज्याचार्यदेव - श्रीमद्विजयसुशीलसूरीश्वराणां सदुपदेशात् * द्रव्यसहायकः करमावास (धर्मावास) श्रीश्वेताम्बरजैनसंघः [राजस्थान 法就我我我我我我我我我我我我我我我我我我:我我我我我我我我我* ' प्राप्ति-स्थानम् ) प्राचार्यश्री सुशीलसूरि जैनज्ञानमन्दिर शान्तिनगर, सिरोही (राजस्थान) [ २ ] श्री नेमिनाथ जैन श्वेताम्बर तीर्थ अम्बाजीनगर, फालना (राजस्थान) श्री करमावास जैनसंघ पेढ़ी, करमावास, (राजस्थान) * मुद्रक * . २१४३५ ताज प्रिन्टर्स, जोधपुर (राजस्थान) XNXX र २१८५३
SR No.022532
Book TitleTattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tikat tatha Hindi Vivechanamrut Part 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushil Sahitya Prakashan Samiti
Publication Year1994
Total Pages166
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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