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________________ 76 जैन धर्म-दर्शन : एक अनुशीलन प्रयुक्त ग्रन्थ-सूची 1. आचारांगसूत्र (प्रथम श्रुतस्कन्ध)- श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, चतुर्थ संस्करण, सन् 2010 2. ईशादि नौ उपनिषद्-गीता प्रेस, गोरखपुर 3. उपनिषद्वाक्यमहाकोष (239 उपनिषदों के वाक्यों से युक्त)- संकलक- श्री गजानन शम्भु साधले, चौखम्बा विद्याभवन, चौक, वाराणसी, पुनर्मुद्रित 1990 4. नियुक्ति-सङ्ग्रह- भद्रबाहु, संपादक- श्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वर, श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, लाखा बावल, शांतिपुरी, जामनगर (सौराष्ट्र), सन् 1989 5. भगवद्गीता- गीता प्रेस, गोरखपुर 6. राजप्रश्नीयसूत्र- युवाचार्य श्री मधुकरमुनि सम्पादित, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, सन् 1981 7. श्री सूत्रकृताङ्गसूत्रम् (भाग-एक) (नियुक्ति, चूर्णि, शीलाङ्काचार्यकृत टीका, श्री हर्षकुलगणि रचित दीपिका एवं श्री साधुरङ्गणि कृत दीपिका व्याख्या सहित), सम्पादकआचार्य श्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वर, श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, लाखा बावल, शांतिपुरी, जामनगर (सौराष्ट्र), सन् 1992 8. श्री सूत्रकृताङ्गसूत्रम् (भाग 1 एवं 4) (श्री घासीलाल महाराज कृत समयार्थबोधिनी टीका एवं हिन्दी- गुजराती अनुवाद युक्त), श्री अ.भा.श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति, गुरेडिया कुवा रोड, राजकोट (सौराष्ट्र), सन् 1969 एवं 1971 9. सर्वदर्शनसंग्रह- माधवाचार्य, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, पुनर्मुद्रित संस्करण 2001 10. सूत्रकृताङ्गसूत्र (हिन्दी अनुवाद, विवेचनादि सहित), युवाचार्य श्री मधुकर मुनि सम्पादित, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, द्वितीय संस्करण 1991 11. षड्दर्शनसमुच्चय (गुणरत्नकृत टीका सहित)- हरिभद्रसूरि, सम्पादक- डॉ. महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ली, द्वितीय संस्करण, सन् 1981
SR No.022522
Book TitleJain Dharm Darshan Ek Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2015
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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