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________________ उन्न्क न्छन चारुदत्तचरित्र भाषा चौपाई बंध / पाठकगण ! जिस चारुदत्त सरीखे महापुरुषकी कथाके प्रेमी # सज्जनगण अनेक प्रयत्न करने पर भी लेखक आदिके अभावसे चारुदत्त चरित्र नामक पुस्तकको नहीं प्राप्त कर सक्ते थे, यदि प्राप्त भी कर सके हों तो उनको शुद्ध नहीं मिलती थी, उन्हीं सज्जनों के हित होने वास्ते अनेक पुस्तकोंसे शुद्धकर तथा बाल वृद्ध सर्व महाशयोंके उप योगके लिये मोटे अक्षरोंमें छपाकर और सुन्दर कपड़ेकी जिल्द बंधवा ॥कर यह चारुदत्तचरित्र हमने बड़े प्रयत्नसे प्रकाशित किया है। चारुदत्तसरीखे परमोपकारी पुरुषकी कथासे तो प्रायः समस्त जैनी परिचित ही हैं, इसलिये नोटिसमें लिखनेकी आवश्यकता नहीं है। हम नहीं चाहते थे कि इस चारुदत्तचरित्रका ऐसा नोटिस दें, क्योंकि बिना नोटिस दिये ही बहुतसे महाशय इसकी फरमायश भेज रहे हैं, किन्तु जिनको नहीं मालूम है वे सजन भी इस पुस्तकको जल्दी मंगा 18 लेवें इसलिये नोटिस दिया है। जल्दी मंगा लेवेंगे वे ही इसे पा सकेंगे पीछे बिक जानेपर पछताना पड़ेगा / न्योछावर एक रुपया / 8 अन्यपुस्तकों के लिये हमारा सूचीपत्र मंगाकर देखें. पिता-बद्रीप्रसाद जैन-बनारस सिटी। PAGE1993590209080503930 SS SSSSS
SR No.022517
Book TitleMokshshastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChhotelal Pandit
PublisherJain Bharti Bhavan
Publication Year1867
Total Pages70
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size5 MB
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