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________________ २८९ -८६] बौद्धदर्शनविचारः कर्तुमशक्यत्वात् । शक्यत्वे वा द्वितीयादिसमयेषु अर्थक्रियाभावेनासत्वप्रसंगाच्च। तस्यासत्त्वे तत्पूर्वक्षणिकस्याप्यर्थक्रियाभावेनासत्त्वं तस्यासत्त्वे तत्पूर्वक्षणिकस्याप्येवमसत्त्वमिति सर्वशन्यतापातात् क्षणिकत्वं कौतस्कुतम् । ननु एकस्मिन् समये कतिपयार्थक्रियाः करोति' अनन्तरसमये अपरार्थक्रियाः करोति तदनन्तरसमयेऽप्यपरार्थक्रियाः करोति तेनैवं पदार्थक्रियाकारित्वमिति चेन्न । एवं सत्यक्षणिकत्वप्रसंगात् यो यदैव तदैव स इत्यागमबाधितत्वाच्च । किं च । क्षणिकं वस्तु स्वोत्पत्तिसमये कार्य जनयत्यनन्तरसमये वा। न द्वितीयः, स्वोत्पत्तिसमय एकः कार्यजननसमय एक इति क्षणद्वयावस्थायित्वेनाक्षणिकत्वप्रसंगात् । नापि प्रथमः। स्वोत्पत्तिसमये कार्यजनकत्वे तत् कारणस्यापि स्वोत्पत्तिसमये स्वकार्यजनकत्वं तत् कारणस्यापि स्वोत्पत्तिसमये स्वकार्यजनकत्वमिति सकलकार्याणामनादित एवं क्रिया वह पूर्ववर्ती एक समय में नही कर सकता। यदि करे तो बाद के समयों में कोई अर्थक्रिया अवशिष्ट नही रहेगी । इस तरह अर्थक्रियारहित होने से क्षणिक पदार्थ शन्यवत् सिद्ध होते हैं फिर यह पदार्थ क्षणिक हैं यह कहना भी कैसे सम्भव है ? क्षणिक पदार्थ एक समय में कुछ अर्थक्रिया करते हैं, दूसरे समय में दूसरी अर्थक्रिया करते हैं, तीसरे समय में तीसरी अर्थक्रिया करते हैं यह कहना भी सम्भव नही-इस से तो एक पदार्थ का एक से अधिक समयों में अस्तित्व सिद्ध होता है अतः पदार्थों को क्षणिक कहना सम्भव नही होगा। प्रकारान्तर से भी इस का विचार करते हैं । क्षणिक पदार्थ जिस क्षण में उत्पन्न होता है उसी क्षण में अपने कार्यको उत्पन्न करता है या उस से दूसरे क्षण में उत्पन्न करता है ? यदि दूसरे क्षण में करता हो तो उत्पत्ति का क्षण और कार्य उत्पन्न करने का क्षण-इस तरह दो क्षणों में इस पदार्थ का अस्तित्व सिद्ध होता है-तब पदार्थ को क्षणिक कहना सम्भव नही । यदि पदार्थ की उत्पत्ति का और उसके कार्य की उत्पत्ति १ क्षणिकं कर्तृभूतम् । २ क्षणिकं कर्तृभूतम् एकस्मिन् समये कतिपयपदार्थक्रिया: करोति अनन्तरसमये तदेव क्षणिकं कतिपयपदार्थक्रियाः करोति इति अक्षणिकं तावत् कालं स्थितिं करोति अतः। वि त.१९
SR No.022461
Book TitleVishva Tattva Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh
Publication Year1964
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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