________________
106 • 'द्रव्य-गु-पर्यायनी रास' तथा 'द्रव्यानुयोग५२।मश' व्यायाम विदा पर्थोनी याही . उद्देश्य-विधेयभाव
८६४,९७० (६) ताद्धर्म्य (सारूप्य) ५८०,७२७-७२८ उद्देश्यशुद्धि देखिए शुद्धि
(७) धारण
७२९ उद्वेग देखिए दोष (आध्यात्मिक) (८) मान
७२९ उन्मत्तता देखिए दोष (दूषण) । (९) योग
७२९ उन्मनीभाव २४६६,२५३९/ (१०) वृत्त
७२९ उन्मार्गगामी २२९९-२३२७| (११) सहचरण
७२८ उपकारी क्षमा देखिए क्षमा
(१२) साधन
७३० उपग्रह
देखिए वैयावृत्त्य | उपचार नैगम देखिए नय (नवविध) नैगम (देवचंद्रजी) उपग्रह कारण देखिए कारण
| उपचार पदार्थ (४० प्रकार) ८३५-८४० उपचरित असद्भूत व्यवहार देखिए उपनय | उपचार वृत्ति देखिए वृत्ति (नैयायिकसम्मत) उपचरित व्यवहार देखिए व्यवहार (देवचंद्रजीसम्मत) | उपचार सम्बन्ध (१६)
८९६,८९७ उपचरित संबंध देखिए संबंध
| उपजीवक
१४४६ उपचरित सद्भूत व्यवहारनय देखिए नय
| उपजीव्य
१४४६ (आध्यात्मिक) (२) व्यवहारनय | उपधेयसांकर्य देखिए दोष (दूषण) (I) सद्भूत व्यवहारनय | | उपनय
८१७-८९९ उपचरित स्वभाव देखिए स्वभाव (२) विशेष स्वभाव
(१) सद्भूत व्यवहार
८१७-८३३ उपचार (+ देखिए आरोप) १२२,८३४
(I) शुद्ध सद्भूत व्यवहार ८२०,८२३, (१) गुण-गुण उपचार ८४८-८५०
८२६-८२७ (२) गुण-द्रव्य उपचार
८५८-८६०
(II) अशुद्ध सद्भूत व्यवहार ८२१,८२४ (३) गुण-पर्याय उपचार
८६३
(२) (A) असद्भूत व्यवहार ८३४-८६४ (४) द्रव्य-द्रव्य उपचार ८४२-८४७
(1) द्रव्य-द्रव्य उपचार ८४२-८४७ (५) द्रव्य-गुण उपचार
८५५
(II) गुण-गुण उपचार ८४८-८५० (६) द्रव्य-पर्याय उपचार ८५६-८५७
(III) पर्याय-पर्याय उपचार ८५२-८५४ (७) पर्याय-गुण उपचार
८६४
(IV) द्रव्य-गुण उपचार (८) पर्याय-द्रव्य उपचार ८६१,१५८४-१५८६
८५६-८५७ (९) पर्याय-पर्याय उपचार
(V) द्रव्य-पर्याय उपचार
८५२-८५४ उपचार निमित्त (लक्षणानिमित्त + आरोपनिमित्त)
(VI) गुण-द्रव्य उपचार ८५८-८६० (१) आधिपत्य
(VII) पर्याय-द्रव्य उपचार
८६१ ७३० (२) तत्सामीप्य ५८०, ७२७-७२९
(VIII) गुण-पर्याय उपचार
८६३ (३) तत्साहचर्य ५८१, ७२७-७२८
(Ix) पर्याय-गुण उपचार
८६४ (४) तात्स्थ्य
५८०, ७२७-७२९
(B) असद्भूत व्यवहार (प्रकारान्तर) ८६५-८८० (५) तादर्थ्य
७२८-७२९
(I) स्वजातीय असद्भूत व्यवहार ८६७-८७१ (II) विजातीय असद्भूत व्यवहार ८७३-८७५
८५५