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________________ गति कौनसे दंडक का जीव मरके कौनसे दंडक में उत्पन्न होता है, उसका उल्लेख इस द्वार में किया जायेगा आगति .किस दंडक में कोन कोनसे दंडक के जीव आते है, उसका विचार। तीन प्रकार के वेद 1. स्त्रीवेद · पुरुष के साथ विषय क्रीडा करने का अभिलाष । 2. पुरुषवेद - स्त्री के साथ विषय क्रीडा करने का अभिलाष । 3. नपुंसक - स्त्री · पुरुष उभय के साथ विषय क्रीडा करने का अभिलाष । अल्पबहत्व किस दंडक के जीव किस दंडक के जीव से हीनाधिक है, उसका विचार । [ चोवीश दंडक में चोवीश द्वार की घटना ) चोवीश दंडक में पांच शरीर औदा - औदारिक, वै- वैक्रिय, ते - तेजस, का - कार्मण, आहा - आहारक 1 पृथ्वीकाय • औदारिक तैजस-कार्मण 1 नारक • वै. तै. का. 1 अपकाय " 10 असुरादि 1 तेउकाय 1व्यतर 1 वनस्पतिकाय 1 ज्योतिष 1 बेइन्द्रिय 1 वैमानिक 1 तेइन्द्रिय 1 मनुष्य औदा.वै. आहा.ते.का. साद 39 प दार्थ प्रदीप
SR No.022363
Book TitlePadarth Pradip
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnajyotvijay
PublisherRanjanvijay Jain Pustakalay
Publication Year132
Total Pages132
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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