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________________ लोक-स्वरूप एवं जीव-विवेचन (1) लोकप्रकाश, 5.75 लोकप्रकाश, 5.78 से 85 ८३. ८४. ८५. ८६. ८७. लोकप्रकाश, 6.2, 3 और 4 ८८. ८६. ६०. ६१. ६२. ६३. ६४. प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 54.3, 4, 5, 6, 7, 8 और 9 (अ) लोकप्रकाश, 5.88-92 ६७. ६८. (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 54.1 प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 57, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर लोकप्रकाश, 6.5, 6 और 7 प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 57 लोकप्रकाश, 6.11, 12 और 13 प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 58–1 (अ) तिर्यंचो मनुजा देवा नारकाश्चेति तात्त्विकैः । तं जहा स्मृताः पंचेन्द्रिया जीवाश्चतुर्धा गणधारिभिः । । - लोकप्रकाश, 7.62. (ब) पंचिंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा चउव्विहा पण्णत्ता । नेरइयपंचिंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा 1, तिरिक्खजोणियपंचिदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा 2 मणुस्सपंचिंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा 3, देवपंचिंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा 4 । प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना सूत्र 59 (अ) त्रिधा पंचाक्ष तिर्यंचो जलस्थल - ख-चारिणः । अनेकधा भवन्त्येते प्रतिभेदविवक्षया । । - लोकप्रकाश, 7.63 (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना, सूत्र 61 लोकप्रकाश, 7.64 ६५. ६६. प्रज्ञापनावृत्तौ तु - 'गंडी सवर्णकाराधिकरणस्थानमिति ।' उद्धृत, लोकप्रकाश भाग 1, द्रव्यलोकप्रकाश, पृष्ठ सं. 438 लोकप्रकाश 6.99 से 108 अध्यर्द्धा द्वाविहद्वीप, द्वावेषु च पयोनिधी । भरतान्यैरवतानि, विदेहाः पंच पंच च ।। एवं पंचदश कर्मभूमयोऽत्र प्रकीर्तिताः । देवोत्तराख्याः कुरवो, हैरण्यवत रम्यके ।। हैमवंत हरिवर्ष पंच पंच पृथक् पृथक् । सर्वाष्यपि त्रिंशदेवं भवत्यकर्मभूमयः ।। अन्तद्वपाश्च षट् पंचाशदेवं युग्मिभूमयः । षडशीतिर्नरस्थानान्येवमेकोत्तरं शतम् ।। - लोकप्रकाश, क्षेत्रलोक उत्तरार्द्ध, 23.205 से 208 ६६. प्रवचनसारोद्धार, द्वार 163, गाथा 1053 १००. 'यो योऽत्रोंपद्यतेक्षेत्रेऽधिष्ठाता पल्यजीवितः । तमाह्वयन्ति भरतं तस्य सामानिकादयः । । ' - लोकप्रकाश, 16.3 105 १०१. ऐरावतः सुरो ह्यस्य स्वामी पल्योपम स्थितिः । वसत्यत्र ततः ख्यातमिदमैरवताख्यया । । - लोकप्रकाश, 19.100
SR No.022332
Book TitleLokprakash Ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemlata Jain
PublisherL D Institute of Indology
Publication Year2014
Total Pages422
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size36 MB
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