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________________ 104 लोकप्रकाश का समीक्षात्मक अध्ययन ६०. लोकप्रकाश 5.1 ६१. 'बादरपुढविकाइया दुविहा पन्नत्ता। तं जहा- सण्हबादरपुढविकाइया य खरबादरपुढविकाइया य। -प्रज्ञापनासूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 22, पृष्ठ 42 कृष्णा नीलारुणा पीता शुक्लेति पंचमृद्भिदः षष्ठी देशविशेषोत्था मृत्स्ना पांडुरिति श्रुता।। नद्यादिपूरापगमे देशे तत्रातिपिच्छिले। ..... मृदुश्लक्ष्णा पंकरूपा सप्तमी पनकाभिधा।- लोकप्रकाश, 5.6 और 7 ६३. सुद्धोदए य उस्सा हिम य महिया य हरतणू चेव । बायर आउविहाणा पंचविहा वणिया एए||108 ||-आचारांग सूत्र नियुक्ति गाथा 108 ६४. 'बायरा जे उ पज्जत्ता पंचहा ते पकित्तिया। सुद्धोदए य उस्से, हरतणू महिया हिमे।।-उत्तराध्ययन सूत्र 36.85 ६५. लोकप्रकाश, 5.16 से 18 ६६. लोकप्रकाश 5.19 और 20 ६७. लोकप्रकाश 5.21 और 22 ६८. मूले कंदे खंधे तया य साले पवलपत्ते य। पुप्फे फलबीए वियपत्तेयं जीवठाणाई। लोकप्रकाश, 5.77 ६६. 'एग सरीरे एगो जीवो जेसिं तुते उ पत्तेया। फल फुल्ल छल्लिकट्ठा मूला पत्ताणि बीआणि।।-लोकप्रकाश, 5.94 (अ) लोकप्रकाश, 5.98 (ब) पत्तेयसरीरबादरवणफइकाइया दुवालसविहा पन्नत्ता। तं जहा- . रुक्खा, गुच्छा, गुम्मा, लता य, वल्ली य, पव्वगा चेव । तण, वलय, हरिय, ओसहि, जलरूह, कुहणा य बोद्धवा।। -प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 38, पृष्ठ संख्या 52 ७१. (अ) लोकप्रकाश, 5.99 से 106 (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 39, 40 और 41 ७२. (अ) लोकप्रकाश, 5.119 (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 42 (अ) लोकप्रकाश, 5.120 (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 43 ७४. (अ) लोकप्रकाश, 5.121 और 122(ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 44 ५. (अ) लोकप्रकाश, 5.123 (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 45 ७६. (अ) लोकप्रकाश, 5.124 (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 46 ७७. (अ) लोकप्रकाश, 5.125 (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 47 ७८. (अ) लोकप्रकाश, 5.126 (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 48 ७६. (अ) लोकप्रकाश, 5.127 (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 49 ८०. (अ) लोकप्रकाश, 5.128 से 130 (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 50 ५१. (अ) लोकप्रकाश, 5.131 (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 51 ८२. (अ) लोकप्रकाश, 5.132 (ब) प्रज्ञापना सूत्र, प्रथम प्रज्ञापना पद, सूत्र 52 ७३.
SR No.022332
Book TitleLokprakash Ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemlata Jain
PublisherL D Institute of Indology
Publication Year2014
Total Pages422
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size36 MB
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