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________________ १८ विषयसूची. ... पृष्ठ: पंक्ति. .. . . विषयनाम सच्चे साधुओंका स्वरूप याचनाके दोष मानरक्षाकी स्तुति पांचवें छठे गुणस्थानका स्वरूप व अंतर साधुओंको याचना न करनेका उपदेश निराशताकी स्तुति तपमें स्थिर करनेका उपदेश ... विषयोंसे उदास बनने का उपाय ... तत्त्वोंका स्वरूप व लक्षण नित्यादि एकान्त पक्षोंका खण्डन ज्ञानभावनाका समर्थन व फल ज्ञान से गगद्वेष हटानेका उपदेश मोहके विषयोंका दुःखद स्वरूप .... जन्ममरणमें समता रखनेका हेतु ..... शास्त्रज्ञानका सच्चा फल ? स्त्री-शरीराादसे स्नेह छुडानेका उपदेश शरीरकी दुष्टता शरीर व स्त्रीके प्रेमकी निंदा .... शरीर व आत्माका अंतर रोगादि होनेपर भावना शतीरकी कृतघ्नता आत्माको शरीरसे जुदा समानेका उपाय कषाय जीतने की आवश्यकता .... कषायकी सूक्ष्म सत्ताका स्वरूप चारो कपायोंका विवेचन १५४-४ १५५-१४ . १५८-१ .१६०-२० १६४-४ १६६-१० १६९-१८ ... १७३-९ १७४-१९ १७३-१५ १७२-१२ १८१-२१ १८६-१७ १८७-७ १८९-२० १२.१--१ १९४-८ १९५-१ १९९-१ २००-६ २०३-१४ २०४-७ २०५-२० २०८-५ .... २०९-३
SR No.022323
Book TitleAatmanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBansidhar Shastri
PublisherJain Granth Ratnakar Karyalay
Publication Year1916
Total Pages278
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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