SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 23
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( vi ) रक्षण द्वार ४८६ अहिंसा व्रत रक्षण ४८६ असत्य त्याग व्रत ४६१ अदत्ता दान त्याग व्रत ४६२ ब्रह्मचर्य व्रत ४६३ गर्भावस्था का स्वरूप ४६८ चारूदत्त की कथा ५०० परिग्रह व्रत ५०५ पांच महाव्रत की भावना ५०६ धन सेठ की पुत्र वधुओं की कथा ५१० ग्यारहवां द्वारा उसमें अरिहान का शरण ५११ सिद्ध का स्वरूप और शरण स्वीकार ५१२ साधु का स्वरूप और शरणा ५१३ जैन धर्म का स्वरूप और शरणा ५१४ बारहवाँ दुष्कृत गर्दा द्वार ५१६ तेरहवाँ सुकृत अनुमोदना द्वार ५२६ चौदहवाँ भावना द्वार ५२६ अनित्य भावना ५३० नग्गति राजा की कथा ५३१ अशरण भावना और सेठ पुत्र की कथा ५३२ ससार भावना और तापस सेठ की कथा ५३४ एकत्व भावना और श्री महावीर प्रभु का प्रबन्ध ५३६ अन्यत्व भावना ५३७ सुलस और शिवकुमार कथा ५३८ अशुचि भावना ५३६ शौचवादों ब्राह्मण का प्रबन्ध ५४० आश्रव भावना ५४१ संवर और निर्जरा भावना ५४२ लोक भावना और शिव राजर्षि की कथा ५४३ बोधि दुर्लभ भावना ५४४ वणिक पुत्र कथा ५४६ धर्माचार्य दुर्लभ भावना ५४७ धर्मोपदेशक गुरू के गुण ५५१ पन्द्रहवाँ शील पालन द्वार ५५३ सोलहवाँ इन्द्रिय दमन द्वार ५५५ श्रोनेन्द्रिय का दृष्टान्त ५५७ चक्षु इन्द्रिय का दृष्टान्त ५५६ गन्ध-प्रिय का प्रबन्ध ५६१ सोदास की कथा ५६२ ब्राह्मण की कथा ५६३ ब्रह्मदत्त का प्रबन्ध ५६५ पीठ, महापीठ मुनियों की कथा ५७० नन्द मणियार की कथा ५७२ छह लेश्या का दृष्टान्त ५६७ दूसरा दृष्टान्त ५६८ ग्रन्थकार की प्रशस्ति ६१९ अनुवादक प्रशस्ति ६२४ ।
SR No.022301
Book TitleSamveg Rangshala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmvijay
PublisherNIrgranth Sahitya Prakashan Sangh
Publication Year1986
Total Pages648
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy