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________________ ( v ) पुत्र और टोली का दृष्टान्त ३६२ मैथुन द्वार ३६३ ब्रह्मचर्य के गुण ३६६ तीन सखी की कथा ३६६ परिग्रह द्वार ३६७ लोभानन्दी और जिनदास का प्रबन्ध ३६६ क्रोध द्वार ३७० प्रसन्न चन्द्र राजर्षि की कथा ३७१ मान द्वार ३०२ बाहूबली का दृष्टान्त ३७४ माया द्वार ३७५ साध्वी पंडरा आर्या की कथा ३७६ दो वर्णिक पुत्र की कथा ३७७ लोभ द्वार ३७७ कपिल ब्राह्मण की कथा ३७८ प्रेम पाप द्वार ३८० अर्हक की पत्नी और अर्ह मित्र की कथा ३८२ द्वेषद्वार ३८३ धर्मरूचि की कथा ३८३ कलह द्वार ३८५ हरिषेण की कथा ३८६ अभ्याख्यान द्वार ३६० रूद्र और अंगवि की कथा ३६१ अरति रति द्वार ३६२ क्षुल्लक कुमार मुनि की कथा ३६३ पैशुन्य द्वार ३६५ सुबन्धु मन्त्री और चाणक्य की कथा ३९६ परपरिवाद द्वार ३६८ सुभद्रा की कथा ४०० मायाभृषावाद द्वार ४०२ कूट तपस्वी की कथा ४० ३ मिथ्या दर्शन शल्य द्वार ४०४ जमाली की कथा ४०६ दूसरा द्वार ४०८ ब्राह्मण पुत्र दृष्टान्त ४०६ कुलमद द्वार ४१२ मरिचि की कथा ४१२ रूपमद द्वार तथा काकदी के दो भाईयों की कथा ४१५ बलमद द्वार ४१८ मल्लव देव राजा की कथा ४१६ श्रुतमद द्वार ४२१ आर्य स्थूल भद्र सूरि की कथा ४२२ रूपमद द्वार ४२५ दृढ़ प्रहारी की कथा ४२६ लाभमद द्वार और ढढण कुमार मुनि दृष्टान्त ४२८ ऐश्वर्या द्वार ४३० दक्षिण मथुरा और उत्तर मथुरा के व्यापारियों की कथा ४३१ तीसरा क्रोधादि द्वार ४३५ चौथा प्रमाद द्वार ४३६ लौकिक ऋषि कथा ४३८ मांसाहार के दोष ४३६ अभय कुमार कथा ४४३ दूसरा विषय प्रमाद ४४५ कंडरीक कथा ४४८ तीसरा कषाय प्रमाद ४५० चौथा निद्रा प्रमाद ४५२ अगङदत्त कथा ४५३ पांचवा विकथा का स्वरूप ४५६ उसके गुण दोष का वर्णन ४५६ जुआ प्रमाद ४६१ प्रमाद के आठ भेद ४६२ पांचवा सर्व सर्ग वर्जन ४६५ छट्ठा सम्यक्त्व द्वार ४६८ सातवां अरिहंतादि छह भक्ति द्वार ४६६ कनक रथ राजा कथा ४७० आठवा पन्च नमस्कार द्वार ४७३ श्रावक पुत्र का दृष्टान्त ४८० श्राविका कथा ४८१ हुन्डिका यक्ष का प्रबन्ध ४८२ नौवा सम्यग्ज्ञानोपयोग द्वार ४८३ यव साधु का प्रबन्ध ४८६ दसवा पंच महाव्रत
SR No.022301
Book TitleSamveg Rangshala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmvijay
PublisherNIrgranth Sahitya Prakashan Sangh
Publication Year1986
Total Pages648
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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