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________________ पञ्चसप्ततिशतस्थानचतुष्पदी. [गुजराती भाषामां जिन पुनर्वसू सिंह I wg va Movwww . 9 वृश्चिक धन च्यवनमासादि च्यवननक्षत्र | व्यवनागर्भस्थिति २० | राशि | १६ मास दिन अषाढवदि ४ | उत्तराषाढा | धन २ वैशाखसुदि १३ रोहिणी | वृषभ ३ फाल्गुनसुदि ८ मृगशीर्ष मिथुन वैशाखसुदि ४ । | मिथुन ५ श्रावणसुदि २ मघा माघवदि ६ चित्रा कन्या ७ भाद्रवावदि ८ विशाखा | चैत्रवदि ५ अनुराधा फाल्गुनवदि ९ वैशाखवदि ६ पूर्वाषाढा ११/ ज्येष्ठवदि ६ श्रवण |मकर १२ ज्येष्ठसुदि ९ शतभिषक् | कुंभ १३ वैशाखसुदि १२ उत्तरभाद्रपद मीन १४ श्रावणवदि ७ रेवती १५ वैशाखसुदि ७ | पुष्य कर्कट १६ भाद्रवावदि ७ भरणी मेष श्रावणवदि ९ कृत्तिका फाल्गुनसुदि २ रेवती मीन फाल्गुनसुदि ४ । अश्विनी श्रावणसुदि १५ श्रवण मकर आसोजसुदि १५ । आश्विनी मेष २२ कार्तिकवदि १२ चित्रा कन्या चैत्रवदि ४ विशाखा तुल २४ आषाढसुदि ६ उत्तराफाल्गुनी कन्या 8 vovar a avoauvauda a aa a aa मीन वृषभ orv9 vvv ww 9
SR No.022123
Book TitlePanchsaptati Shatsthan Chatushpadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajendrasuri, Yatindravijay
PublisherRatanchand Hajarimal Kasturchandji Porwad Jain
Publication Year1935
Total Pages202
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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