SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 207
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir व्याख्याप्रज्ञप्तिः 1-644 1.42 परमाणुपोग्गला पुच्छा, गोयमा! छप्पएसिए खंधे भवइ, से भिजमाणे दुहावि तिहावि जाव छविहावि कजइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ पंचपएसिप खंधे भवद अहवा एगयओ दुप्पणसिए बंधे एग-7 यो चउपएसिए खंधे भवइ अहवा दो तिपएसिया खंधा भवइ, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला १२शतके गगयओ चउपगसिप खंधे भवइ अहवा एगवओ परमाणुपोग्गले एगयओदुपएलिए खंधे एगयओ तिपएसिए खंधे| PRA उद्देश भवइ अहवा तिन्नि दुपएसिया खंधा भवन्ति चउहा कजमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला एगयओ तिपएसिए खंघे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला भवंति एगयओ दो दुप्पएसिया खंधा भवंति, पंचहा कजमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे भवति, छहा कजमाणे छ परमाणुपोग्गला भवंति / [प्र.] हे भगवन् ! पांच परमाणुओ एकरूपे एकठा थाय ? [अने पछी शुं थाय ?] इत्यादि प्रश्न. [उ०] हे गौतम! पंचप्रदेशिक स्कंध थाय. जो ते मेदाय तो तेना बे, वण, चार अने पांच विभाग थाय. जो तेनावे विभाग थाय तो एक तरफ एक परमाणु पुद्गल अने एक तरफ चतुष्प्रदेशिक स्कंध थाय. अथवा एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कंध थाय.जो तेना त्रण विभाग थाय तो एक तरफ वे परमाणुगलो अने एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कंध थाय. अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल अने एक तरफ जुदा जुदा चे द्विप्रदेशिक स्कंधो थाय. जो तेना चार विभाग थाय तो एक तरफ जुदा त्रण परमाणुओ अने एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कंध थाय, जो तेना पांच विभाग थाय तो जुदा पांच परमाणुओ थाय [म०] हे भगवन् ! छ परमाणुपुद्गलो संवन्धे प्रश्न. [उ०] हे गौतम ! पदनदेशिक स्कंध थाय. जो तेनो भेद थाय तो तेना बे, त्रण, चार पांच के छ विभाग थाय. जो तेना के For Private and Personal Use Only
SR No.020923
Book TitleVyakhyapragnapti Sutra Part 04
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages238
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy