SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 42
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाषांतर JE अध्य०१६ | ॥८९९॥ व्या-स निग्रंथो भवेत् , यः पूर्व गृहस्थत्वे स्यादिभिः सह रतं कामासनैमैथुन सेवन, पुनस्ताभिरेव समं पूर्वउचराध्य क्रीडितं गृहस्थावस्था गं पुरा यूनादिक्रीडनं कृतं, तस्यानुस्मर्ता मुहुश्चिंतयिता नो भवेत् , साधुर्भवेदित्युक्ते शिष्यः पन सूत्रम् प्राह, तत्कथमिति चेत्तदाह-हे शिष्य! खलु निश्चयेन स्त्रीभिः सह पूर्व कृतं रतं मैयुनं पूर्वकृतं यूनादिक्रीडितमनुस्मरतो ||८१९॥ वारंवारं चिंतयतो निग्रंथस्य साधोब्रह्मचारिणो ब्रह्मचर्ये शंकादयो दोषा उत्पद्यते. तस्मात् खलु निश्चयेननिग्रंथः स्त्रीभिः सह पूर्वरतं पूर्वक्रीडितं प्रत्यनुस्मर्ता न भवेत् , स साधुर्भवेत् ॥ ६॥ इति षष्टं ब्रह्मचर्यसमाधिस्थानं. ।। इति ३ षष्टी वाटिका. ॥ ६ ॥ अथ सप्तमी प्राह निग्रंथ ते थाय के जे पूर्व गृहस्थ पणामां स्त्री साथे रन-कामा अनादि मैथुन सेवन करेल होय तथा पूर्व गृहस्थावस्थामा जे घूतादिक क्रीडा करी होय तेना अनुस्मर्ताबारंवारचिंतन करनार न थाय, ते साधु थाय; एम कहेतां शिष्य बोल्यो 'ते केम ?' त्यारे आचार्य कहे छे, हे शिष्य ! निश्चयेज स्त्रीयोनी साये पूर्वे करेलां मैथुन तथा पूर्वे करेली द्यूतादि क्राडार्नु वारंवार अनुस्मरण चिंतन करनार साधु, ब्रह्मचारी होय तेना ब्रह्मचर्य विषयमां शंकादि दोषो उत्पन्न थाय तेथी निश्चये निग्रंथ, स्त्रीयो साथे पूर्वे करेलां रत=भोग पूर्वकृत क्रीडाओ प्रत्ये अनुस्मर्चा न थाय तो ते साधु होय. ६ ए प्रकारे षष्ठ ब्रह्मचर्यसमाधिस्थान कयु. आ षष्ठी वाटिका हवे सप्तमी कहे छे. नो निग्गंथे पणीयं आहार आहारित्ता हवइ, से निग्गंथे, तं कहमिति चेत् आयरियाह-निग्गंथस्स खलु पणीJoel यपाणभोयणं आहारेमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा. तम्हा खलु नो निग्गंथे पणीयं आहारेजा ॥७॥ For Private and Personal Use Only
SR No.020857
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 04
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorLakshmivallabh Gani
PublisherShravak Hiralal Hansraj
Publication Year1937
Total Pages246
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy