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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir FE हुए थे। प्रथम खण्ड 343 श्री विमलकुमार चोरड़िया गया तथा आंदोलनकारियों पर लाठी प्रहार कर जुलूस पूर्व राज्यसभा सदस्य श्री विमलकुमार चोरडिया बिखेर दिया गया। उसमें अनेक लोग घायल हुए। बाद का जन्म 15 अक्टूबर 1924 को भानपुरा (म0प्र0) में लालचंद जी रिहा हो गये। सब लोग इन्दौर गये में हुआ। आपके पिता श्री व वहां सुभाष चौक में प्रदर्शन किया। श्री विमलकुमार मन्नालाल जी चोरडिया व चोरडिया भी उसमें शामिल हुए। जयेष्ठ भ्राता श्री लालचन्द 1944 में प्रजामण्डल के 5वें अधिवेशन में जी चोरड़िया (इनका परिचय चोरड़िया जी शामिल हुए। आप 1946 में उदयपुर के इसी ग्रन्थ में अन्यत्र देखें) आल इण्डिया स्टेट पीपल्स कान्फ्रेन्स में भी शामिल भी स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े हुए तथा वहां राष्ट्रीय स्तर के अनेक नेताओं से आपका परिचय हुआ। उदयपुर से लौटते हुए (इन्दौर जाते होल्कर स्टेट में कांग्रेस की प्रजामण्डल संस्था समय) रतलाम रेलवे स्टेशन पर श्री बी0व्ही द्रविड, सक्रियता से कार्य कर रही थी व सारी स्टेट में श्री शांतिलाल चेलावत, श्री नेमीचन्द चौधरी तथा श्री जगह-जगह प्रजामण्डल की शाखाएं खोली जा रही लालचन्द चोरडिया सहित इन्हें गिरफ्तार कर लिया थी। गरोठ जिले में प्रजामण्डल की स्थापना करने के गया। इन्दौर रेसीडेन्सी मजिस्टेट की अदालत में मकदमा लिए माननीय बैजनाथ महोदय, श्री हजारीलाल जी चला। श्री भरूचा व श्री चितले ने पैरवी की। गरोठ जड़िया, श्री रामेश्वर दयाल तोतला आदि भानपुरा आये से श्री बापलाल चौधरी (इनका परिचय इसी ग्रन्थ में व भानपुरा में श्री मन्नालाल जी चोरड़िया को अध्यक्ष देखें), जो जिला अध्यक्ष थे. इन्दौर आये तथा सारी बनाकर प्रजामण्डल की शाखा स्थापित की। उस समय ___ व्यवस्थाएं जुटाईं। बाद में इस मुकदमे में सब बरी हो श्री विमलकुमार की आयु 14 वर्ष की थी। इनके घर गये। पर सदा प्रजामण्डल की बैठकें होती थीं व अनेक वरिष्ठ नेतागण इनके यहां ठहरते थे। इस कारण श्री श्री विमलकुमार चोरड़िया स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु चोरडिया भी आंदोलन में जुड़ते गये। आपका अध्ययन सदा प्रयत्नशील रहे तथा सदा राष्ट्रीय धारा से जुड़े रहे। आपने अभिभाषक का व्यवसाय अपनाया। 1952 इन्दौर के प्रसिद्ध होल्कर कालेज में हुआ। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में श्री विमल से 62 तक आप म0प्र0 विधानसभा में विधायक रहे। कुमार चोरडिया, श्री लालचन्द चोरडिया, श्री प्रद्युम्न 1962 से 1968 तक आप राज्यसभा के सदस्य कुमार त्रिपाठी, श्री डी0ओ0 जोशी आदि इन्दौर से रहे। वहाँ पब्लिक अन्डरटेकिंग व अन्य महत्त्वपूर्ण भानपुरा आये व प्रजामण्डल के निर्देशानुसार प्रदर्शन कमा न कमेटियों के सदस्य रहे। बाद में आप राष्ट्रीय स्वयंसेवक किया। बाजार में जलस निकाला जा रहा था। श्री संघ से जुड़ गये। धार्मिक क्रियाकलापों में आपकी गहरी लालचंद चोरडिया नेतत्व कर रहे थे। लहारों की कइया रुचि है। संगीत और सत्संग में भी आपकी अभिरुचि के निकट पुलिस ने सबको घेर लिया। सब इंसपेक्टर है। आपने जैन धर्म पर लगभग 10 पुस्तकें लिखी हैं। श्री मिश्रा ने दलबल सहित जलस को रोककर 'डिस्पर्स' सम्प्रति आप राजनीति से सन्यास लेकर साहित्य सृजन (बिखर जाओ) का आदेश दिया। आंदोलनकारी डटे में संलग्न हैं। आ0-(1) स्व0 स0 म0, पृष्ठ-64-66 (2) Rajya रहे। श्री लालचंद चोरडिया को गिरफ्तार कर लिया Satha-Who's who, 1966 (3) अनेक प्रमाण पत्र। For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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