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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra वेदनीय-भूख उपचार - ताकात सताना संक्रमण आहार- कारण चार आहार (छ० योगधारण) (उपवास में पानी ) आहार के दि० प्रमाण रोग, निहार औद्वारिक- शरीर सात धातुएं-पाठ (वज्रऋषभनाराच) नाच ( कपील०) अनासक्ति (कूर्मापुत्र) मुद्रा - आसन (नेत्र - रंग आदि) www.kobatirth.org अग्निसंस्कार तीर्थ-दाढाएं उपसर्ग वध विनय ( प्रदक्षिणा, आहारदान, गमन, सर्पनिवेदन, वहन, नृत्य) १४ १४ १५ १५ १६ १६ मन છૂટ २४ २५ २६ २९ ३० ३१ ३१ ३२ ३२ ३३ केवली वस्त्र भूमि - बिहार ( स्पर्ष-वस्त्र) वाणी - उपदेश (निरक्षरी, गणधर, मागधदेव, अतिशय, दशम द्वार, त्तर, अपौरुषेय, सर्वाग) प्रश्नो साक्षरीवाणीप्रमाण ३५ ३५ ३६ ३६ ४० ४३ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir द्रव्यमन प्रमाण सिद्ध अवगाहना फिर मना क्यों ! अतिशय जन्म से १० ( निहार, दाढी मूछ ) केवल से १० (जिन - केवली, भेद) भूमि विहार बैठना गगन गमन ( कमल संख्या) भूविहार दि० प्रमाण कवलाहार - प्रमाण देवकृत १४ ( आठ प्रातिहार्य ) (विषमता - व्यत्यय) चोत्तीस अतिशय ( बैबल - प्रमाण) तीर्थकर नाभिराजा-रानी ( युगलिक व्यवस्था) ऋषभदेव - पत्नी ( १०० पुत्र २ पुत्री) भरतसुन्दरी मातापिता निहार स्वप्न ( जिनेन्द्र आगति) For Private And Personal Use Only (तीन कल्याणक) ( स्वप्न फल ) ऋषभदेव पुत्र ४४ ४६ ४८ ४९ ५१ ५१ ५२ ५२ ५३ ५३ ५४ ५५ ५७ ५९ ५९ ६० ६१ ६३
SR No.020729
Book TitleShvetambar Digamber Part 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshanvijay
PublisherMafatlal Manekchand Shah
Publication Year1943
Total Pages290
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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